दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाई कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं. हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है. दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को भेजेंगे. इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है. मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई की.
दरअसल, सुरजीत यादव नाम के शख्स ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक PIL दाखिल कर कहा था कि आबकारी मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 21 मार्च को गिरफ्तारी हुई. वह 22 मार्च से ED की हिरासत में हैं. ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा देना चाहिए. बता दें सुरजीत यादव ने ही एक और जनहित याचिका दाखिल कर अरविंद केजरीवाल द्वारा ED हिरासत से मंत्रियों को निर्देश देने पर रोक लगाने के निर्देश की मांग भी की.
अदालत ने क्या कहा?
याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर सरकार की कोई विफलता है तो राज्यपाल या राष्ट्रपति उस पर कार्रवाई करेंगे. आज के समाचार पत्रों में कहा गया है कि LG इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं. याचिकाकर्ता से हाई कोर्ट ने कहा कि आप हमें व्यावहारिक कठिनाई दिखा रहे हैं, लेकिन हमें कोई ऐसा प्रतिबंध दिखाइए जो इसे रोकता हो. कोर्ट ने कहा कि आप हमें व्यावहारिक कठिनाई दिखा रहे हैं, लेकिन हमें कोई ऐसी बाधा दिखाइए जो इसे रोकती हो.
कोर्ट ने कहा कि कार्यपालिका शाखा इससे निपटेगी. वे अपना समय लेंगे लेकिन इस स्थिति पर कोई कानूनी रोक नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इसमें न्यायिक हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है. आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को कथित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इसके बाद दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था.
कोर्ट का गिरफ्तारी में हस्तक्षेप से इनकार
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल को अंतरिम राहत देने से इनकार किया था. कोर्ट ने गिरफ्तारी में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि इस मामले ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है जिनपर ईडी से उसका रुख जाने बिना सरसरी तौर पर फैसला नहीं किया जा सकता है.
केजरीवाल ने उच्च न्यायालय से इस आधार पर उन्हें तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया था कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है. पिछले शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने केजरीवाल को 28 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेजा था.