इंदौर। शहर में रंगों की अनोखी परंपरा पर भी इस बार चुनावी पहरेदारी रहेगी। 30 मार्च को रंगपंचमी आ रही है। इस दिन राजवाड़ा और गेर के मार्ग पर अनुमानित पांच लाख शहरी जुटते हैं। इस भीड़ को भुनाने से नेताओं को परहेज करना होगा। रंगपंचमी पर निकलने वाली गेरों में आदर्श आचार संहिता का असर दिखाई देगा। निर्वाचन आयोग के अधिकारी गेरों की निगरानी भी करेंगे। ऐसे में आयोजनों के पोस्टर बैनर से रंग उड़ाती गाड़ियों से नेताओं को दूरी बनाना पड़ेगी।
इस बीच होली के बाद होने वाला चर्चित आयोजन बजबट्टू सम्मेलन भी इस साल नहीं होगा। आयोजन की कमान संभालने वाले अशोक चौहान (चांदू) और भूपेंद्र केसरी ने सम्मेलन के निरस्त करने की घोषणा कर दी है। चौहान ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के पालन और नियमों के सम्मान में 25 वर्षों से चली आ रही परंपरा को इस साल स्थगित किया गया है। इस संबंध में हम अब सभी को सूचना दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इस सम्मेलन में कवि सम्मेलनों के साथ राजनेताओं का अनोखी वेशभूषा में शामिल होना हमेशा चर्चा का विषय रहा है। शहर की किसी हस्ती को भी बजरबट्टू सम्मान से नवाजा जाता था। इससे पहले कोविड के दौर में भी सम्मेलन स्थगित किया गया था।