उज्जैन से हेमेन्द्रनाथ तिवारी
उज्जैन मैं देश भर में होली के त्योहार की शुरुआत उज्जैन से होती है। यहां सबसे पहले गुरुवार को महाकालेश्वर मंदिर में होली मनाई गई। महाकाल के आंगन में होलिका दहन किया गया। इसके बाद सभी जगह होलिका दहन शुरू हो गया। भक्तों ने बाबा महाकाल के साथ होली खेली। यहां संध्या कालीन आरती में पंडे-पुजारियों ने महाकाल के साथ गुलाल और फूलों से होली खेली। देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी बाबा महाकाल के साथ होली मनाने पहुंचे थे। आरती के दौरान पूरा मंदिर परिसर गुलाल और रंगों से पट गया। इस खूबसूरत नजारे को देखने के लिए हजारों की तादाद में श्रद्धालु प्रति वर्ष उज्जैन पंहुचते हैं। बीते दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के चलते भगवान और भक्तों के बीच दूरी बनी हुई थी, इस दूरी को आज के होली उत्सव ने मिटा दिया।
महाकाल मंदिर में जमकर उड़े फूल और गुलाल बाबा महाकाल की संध्या आरती के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। सभी को कार्तिक मंडपम और गणेश मंडपम से दर्शन करने की इजाजत मिली। आरती में बाबा महाकाल के जयकारों से गूंज उठा मंदिर परिसर। दो वर्षों के बाद आए इस पल का इंतजार कर रहे भक्तों को महाकाल के साथ होली खेलने का मौका मिला। महाकालेश्वर का पूजन अर्चन करने के बाद पंडे, पुजारियों और भक्तों ने फूलों और हर्बल गुलाल की जमकर वर्षा की।
सभी भक्त इसमें बाबा के जयकारों के साथ शिवमय हो गए। इस अद्भुत नजारे को देख भक्तों को मथुरा-वृंदावन की होली की अनुभूति हुई।