मप्र के खजुराहो मे चल रहे 48 वे नृत्य समारोह में दूसरी शाम की शुरुआत प्रसिद्ध नृत्यांगना सुजाता महापात्रा द्वारा ओडिसी नृत्य से शुरू हुई जिसमें शिव-पार्वती के अर्धनारेश्वर और शिव तांडव के रूप के वर्णन से हुई।
मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग के उस्ताद अलाउद्दीन खॉ संगीत एवं कला अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद् द्वारा आयोजित द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत भारतीय शास्त्रीय नृत्य विधाओं पर आधारित खजुराहो नृत्य महोत्सव के अंतर्गत,पश्चिमी मंदिर समूह के अंदर चंदेलकालीन कंदारिया महादेव तथा जगदम्बी मंदिर की अनुभूति के बीच मंच पर दूसरी शाम की शुरुआत नृत्यांगना सुजाता महापात्रा द्वारा ओडिसी नृत्य से हुई जिसमें शंकर-पार्वती के अर्धनारेश्वर रूप तथा शिव तांडव का वर्णन प्रस्तुत किया गया,इसके बाद कौरवों के बीच पांडवों की पत्नी द्रोपदी की लाज बचाने को श्रीकृष्ण की लीला का वर्णन,इसके बाद हिरण्यकश्यप से प्रह्लाद के बचने के प्रसंग का वर्णन नृत्य के माध्यम से हुआ।