गाय बेल मनुष्य एक दूसरे के पूरक-
कुंडलपुर महा पंचकल्याणक में तप कल्याणक के दिन प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी विनय भैया जी
सुरेन्द्र जैन
देश के ह्रदय प्रदेश मध्यप्रदेश के दमोह जिले में कुंडलाकार पर्वत मालाओं की गोद मे बसे सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर जी मे सन्त शिरोमणी आचार्यश्री 108 विद्यासागरजी महामुनिराज के ससंघ सानिध्य में आयोजित सदी के सबसे बड़े जैन महाकुंभ महापंच कल्याणक में तीर्थंकर प्रभु के गर्भ जन्म के बाद रविवार को तप कल्याणक की मंच पर प्रस्तुति के दौरान प्रतिष्ठाचार्य वाणी भूषण वाल ब्रह्मचारी विनय भैया सम्राट ने कहा कि जिस घर मे गौमाता होती हैं उस घर मे कभी कोई वास्तु दोष नही होता है गाय बेल का मनुष्य जीवन मे महत्व समझाते हुए ब्रह्मचारी जी ने कहा गाय बेल ओर मनुष्य सभी एक दूसरे के पूरक हैं।
तप कल्याणक के दिन तीर्थंकर प्रभु के तपकल्याणक की क्रियायें संपन्न हुई इस दौरान जब तीर्थंकर प्रभु का जन्म हुआ और पृथ्वी लोक पर क्या खाएं क्या नहीं खाएं इसका ज्ञान नहीं था तब यहां बेलों की मदद से कृषि करना और उस कृषि से उतपन्न भूसा से गाय बेल का भोजन तैयार करना एवं मनुष्यों के भोजन तैयार करना सिखाया गया इस दौरान भैया जी ने कहा कि बेल हमें कृषि में मदद करते हैं और गौमाता दूध देती हैं कृषि से उतपन्न अनाज भूसा से गौमाता का भी पेट भरता है और मनुष्यों का भी प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया जी ने आगे कहा कि जिस घर मे गाय पाली जायेगी उसे कोई वास्तु दोष नहीं लगेगा क्योकि गाय के खुर से इतनी अधिक पॉजिटिव ऊर्जा निकलती है कि घर की तमाम नेगेटिव ऊर्जाएं समाप्त हो जाती।
आचार्य भगवन ने दी दीक्षाएँ
रविवार को महापंचकल्याणक के पावन अवसर पर परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्यश्री 108 विद्यासागरजी महामुनिराज जी ने क्षुल्लक दीक्षाएँ प्रदान की इस दौरान कुछ नए निर्यापक मुनिराज भी बने।