हमारे हाथ की रेखाएं भविष्य का आईना मानी जाती हैं। हाथ की बनावट और उंगलियों का आकार आपके व्यक्तित्व के बारे में काफी कुछ बतलाता है। जातक की रुचि किस विषय में है या फिर वह किस क्षेत्र में अपना भविष्य संवारना चाहता है ये बातें भी हाथ देखकर जानी जा सकती हैं। आज हम हाथ की कुछ ऐसी ही पहचान के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे यह बताया जा सकता है कि जातक किस क्षेत्र में अपना भविष्य संवारेगा।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, जिन जातकों की राजनीति में रुचि होती है उनके हाथों की एक खास पहचान होती है। ऐसे जातकों की हथेली सफेद और हाथ लंबे-लंबे होते हैं। इन जातकों की हथेली में बृहस्पति, सूर्य और बुध पर्वत का सुविकसित होना उसकी खास पहचान माना जाता है। बृहस्पति पर्व की ऊंचाई से मस्तिष्क रेखा का आरंभ होना और नीचे आकर दो भागों में बंट जाना, यह भी राजनीति में रुचि को दर्शाता है। वहीं अगर बात करें छुटभैये राजनेताओं के हाथ की, तो उनके हाथ में बृहस्पति पर्व छोटा होता है और बुध पर्वत भी दबा होता है। मंगल पर्वत पर अनेक महीन रेखाएं होना भी राजनीति में छोटे कद को दर्शाता है।
ऐसे जातक जिनकी कविता लेखन में कविता पढ़ने में रुचि होती है उनकी उंगलियां लंबी-लंबी होती है। उंगलियों के पोर लंबे और सुस्पष्ट होते हैं। ऐसे जातकों के हाथ पतले-पतले लेकिन देखने में सुंदर होते हैं। इनकी हथेली मुलायम होने के साथ ही सूर्य, चंद्र और शुक्र पर्वत काफी उठे हुए होते हैं। ऐसे लोगों के हाथ में हृदय रेखा आगे चलकर कई शाखाओं में बंट जाए तो यह लेखक के रसिक स्वभाव को दर्शाता है। ऐसे लोग बातें भी बहुत मीठी-मीठी करते हैं।
जिन लोगों के हाथ की उंगलियां काफी कठोर हों और उनकी गांठें उभरी हुई हों तो ऐसे लोग प्राय: दार्शनिक बन जाते हैं। ऐसे लोगों के हाथ पतले हल्के सांवले रंग के होते हैं और उनमें गांठें स्पष्ट दिखाई देती हैं। माना जाता है कि ऐसे लोग काफी उच्च विचार के होते हैं और इन्हें मोह माया से अधिक सरोकार नहीं होता है।
हस्तरेखा के अनुसार जिन जातकों की रुचि वकालत में होती है उनकी हथेलियां काफी चौड़ी होती हैं और उंगलियों का आकार छोटा होता है। इनके बुध और मंगल पर्वत काफी उभरे हुए होते हैं और मस्तिष्क रेखा व जीवन रेखा एकदम अलग-अलग रहती हैं। जिनकी रुचि वकालत में होती है उनके हाथ काफी मांसल और लालिमा लिए होते हैं।