नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार को निर्देश दिया है कि वह गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के लिये मुफ्त भोजन और चिकित्सा उपचार सुनिश्चित करे । मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने पाया कि एचआईवी संक्रमित रोगियों को सहायता प्रदान करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा किफायती उपचार सहित कई पुनर्वास योजनाएं और उपाय किए गए थे। अदालत ने पाया कि वह (सरकार) ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस और एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 2017 के तहत सख्त अनुपालन सुनिश्चित कर रही है। पीठ में न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद भी शामिल हैं। पीठ ने अपने आदेश में कहा यह स्पष्ट है कि आप सरकार 2017 के अधिनियम के वैधानिक प्रावधानों के तहत सख्त अनुपालन सुनिश्चित कर रही है।
इसके अलावा सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं कि एचआईवी/एड्स से पीड़ित व्यक्तियों के लिए वहनीय उपचार उपलब्ध हो खासकर जिनके पास ऐसा करने के लिए वित्तीय संसाधन नहीं हैं। दिल्ली केजरीवाल सरकार को एचआईवी संक्रमित गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले उन मरीजों के लिए मुफ्त भोजन और चिकित्सा उपचार सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है जो गरीबी के कारण अपना उपचार कराने में असर्मथ हैं। अदालत का आदेश एचआईवी/एड्स और अन्य बहु-अक्षमताओं और बीमारियों से पीड़ित उन लोगों की एक याचिका पर पारित किया गया था जिन्हें उनके परिवारों द्वारा छोड़ दिया गया था और जिनके पास कोई आश्रय नहीं था। अदालत ने कहा कि इस याचिका पर कोई और आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है और याचिका को निस्तारित कर दिया।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.