अनुराग शर्मा सीहोर
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गढ़ बुदनी विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव अब रोचक मोड़ पर आ गया है। चुनाव से 10-15 दिन पहले ही प्रत्याशियों की जीत हार का दावा करने वाले राजनीतिक पंडितों का गणित भी इन दिनों गड़बड़ा गया है। दरअसल, तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चुनाव लडऩे के दौरान यहां भारतीय जनता पार्टी हमेशा ही भारी रहती थी और चुनाव से पहले ही राजनीति के जानकार यहां का रिजल्ट बता दिया करते थे, बस चर्चा लीड को लेकर हुआ करती थी। लेकिन अब बुदनी में हो रहे उपचुनाव में राजनीतिक पंडितों का गणित पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। मतदान में महज 6 दिन का समय ही शेष रह गया है, लेकिन राजनीतिक पंडित यह नहीं बता पा रहे हैं कि बुदनी का विधायक कौन बनेगा। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि डेढ़ दशक बाद यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
गौरतलब है कि जिले की बुदनी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि 23 नवंबर को परिणाम आएंगे। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही प्रत्याशी प्रभावी है। ऐसे में राजनीति के जानकारों का मानना है कि बुदनी विधानसभा के उपचुनाव में जो उम्मीदवार जमीन से जुड़ा होगा, विधायक वही बनेगा।