-बटुकजी ने श्रद्धालुओं से की गौसेवा की अपील
विदिशा से अदनान खान की रिपोर्ट।
विदिशा के अटारीखेजड़ा गांव में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में पंचम दिवस में भगवान की बाल लीला के प्रसंग पर कथा श्रवण कराई गई। व्यास गादी पर विराजमान पंडित अंकितकृष्ण तेनगुरिया ने कथास्थल पर मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि धनवान व्यक्ति वही है। जो अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे बटुक जी महाराज ने कहा कि परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम के द्वारा ही संभव हो सकती है। उन्होंने भगवान की बाल लीलाओं को बताते हुए कहा कि एक दिन कंस के द्वारा भेजी गई पूतना राक्षसी ने बालकृष्ण को उठा लिया और स्तनपान कराने लगी, भगवान श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते-करते ही पुतना का वध कर उसका कल्याण किया। माता यशोदा जब भगवान श्री कृष्ण को पूतना के वक्षस्थल से उठाकर लाती है उसके बाद पंचगव्य गाय के गोब, गोमूत्र से भगवान को स्नान कराती है।महाराज श्री ने कथा स्थल पर मौजूद सभी श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि सभी को गौ माता की सेवा, गायत्री का जाप और गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। गाय की सेवा से 33 करोड़ देवी देवताओं की सेवा हो जाती है।इसलिए हमें कोशिश करना चाहिए कि हम कम से कम परिवार में एक गाय का पालन जरूर करें ।महाराज ने कहा की हमें अपने धर्म को जानने के लिए गीता, भागवत ,रामायण पढ़ना और सुनना चाहिए इससे हमें नहीं हमारी आने वाली पीढ़ी भी संस्कारी हो जायेगी।
उन्होंने कहा कि ब्रजवासियों ने इंद्र की पूजा छोडकर गिर्राज जी की पूजा शुरू कर दी तो इंद्र ने कुपित होकर ब्रजवासियों पर मूसलाधार बारिश की, तब कृष्ण भगवान ने गिर्राज को अपनी अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की और इंद्र के अभिमान को तोड़ा। तब इंद्र को भगवान की सत्ता का अहसास हुआ और इंद्र ने भगवान से क्षमा मांगी ।
अंत में मुख्य अजमान द्वारा व्यास गादी पर सपरिवार पूजा अर्चना की गई। आचार्य पंडित आकाश दुबे ने बताया कि कथा के छठवें दिन शुक्रवार को श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह के प्रसंग पर कथा का वाचन होगा। इस मौके पर कृष्ण रुक्मणी की एक सुंदर झांकी के दर्शन भी कर सकेंगे कथा का समापन शनिवार को पूर्णाहुति के साथ संपन्न होगा साथी इस अवसर पर महा प्रसादी का वितरण भी किया जाएगा।