मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता बिजली की अघोषित कटौती से खासे परेशान हैं। गर्मी और उमस से परेशान हो रहे हैं। बिजली उपभोक्ताओं को शासन द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है। इसके चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस समय पड़ रही उमस व गर्मी जहां लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है, वहीं बिजली की कटौती से लोग त्रस्त हैं। सरकार जिस हिसाब से बिजली सप्लाई का दावा करती है उस हिसाब से बिजली नहीं मिल पा रही है। बिजली की अघोषित कटौती से कस्बों की पेयजल व्यवस्था चरमरा गई है। आटा चक्की बंद हो जाने से लोगों में काफी रोष व्याप्त हो रहा है।
दीवानगंज, अंबाडी ,सेमरा मुस्काबाद, बांसिया, सत्ती, कयामपुर, संग्रामपुर, जमुनिया, नीनोद सरार आदि दो दर्जनों से अधिक गांव में दिन की कटौती की जा रही है। ग्रामीण त्रस्त हो चुके हैं। कस्बा एवं ग्रामीण क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती के कारण बिजली न आने से भीषण गर्मी में लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। विद्युत कटौती का कोई समय निर्धारित नहीं है, बिजली कब आती है और कब चली जाए इसका भरोसा नहीं है। लोगों ने कई बार मांग की है कि विद्युत कटौती का समय निर्धारित किया जाए, लेकिन आज तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया जिससे लोगों में भारी रोष व्याप्त है। विद्युत कटौती के चलते जनमानस कराह उठा है। बिजली की अव्यवस्था से सबसे ज्यादा बुजुर्ग और बच्चे परेशान हैं, बिजली की कटौती को लेकर जिला प्रशासन और विद्युत विभाग के उच्चाधिकारियों की अनदेखी चिंता का बिषय है क्योंकि बिजली की किल्लत के साथ-साथ पीने के पानी की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है और लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। विद्युत उपभोक्ताओं ने मांग की है कि शीघ्र ही बिजली कटौती का समय निर्धारित किया जाए। जिससे लोगों को इस परेशानी से छुटकारा मिल सके।
दीवानगंज क्षेत्र में बुधवार को दोपहर को बिजली काटी जो देर रात तक नहीं आई।
जबकि जमुनिया, बरजोर पुर, संग्रामपुर, कयामपुर , करैया और निनोद् यदि गांव के लगभग 100 किसान इकट्ठा होकर बुधवार देर रात कुलहड़िया के बिजली घर पर पहुंच गए। किसानों का कहना है कि हमारी धान सूखने की कगार पर है हमें 10 घंटे बिजली नहीं मिल पा रही हैं। जिससे हमारे खेतों की धान सूखने की कगार पर पहुंच गई है। हमें 10 घंटे शासन के निर्देश अनुसार बिजली मिलना चाहिए। मगर चार-पांच घंटे ही बिजली मिल रही है। किसानों के बुलावे पर बुधवार के रात बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर मनीष श्रीवास्तव कुलहड़िया के बिजली घर पहुंचे। पहुंच कर वहां पर एकत्र हुए किसानों को समझाइश दी गई। इस पर किसानों ने अघोषित कटौती को बंद करने को कहा। रात 10:30 बजे जब इन गांव की बिजली जोड़ी गई तब जाकर किसान बिजली घर से वापस अपने घर गए।
बता दे कि इन गांव की बिजली और किसानों को दी जाने वाली बिजली 3 दिन से लगातार ज्यादा काटी जा रही थी जिससे किसान क्रोधित हो गए थे और बिजली घर का घेराव कर लिया था।
इनका कहना हे –
किसानों को 5-6 घंटे बिजली भी नहीं मिल पा रही है जिससे किसानों की फसले सूखने की कगार पर है। बिजली विभाग इसी तरह से कटौती करता रहा तो फसले खराब हो जाएगी किसानों को इस समय बिजली की ज्यादा आवश्यकता है क्योंकि बारिश नहीं हो रही है
गुलशेर लोधी जनपद सदस्य प्रतिनिधि
इस समय बारिश नहीं होने के कारण 2 से 3 गुना अत्यधिक लोड बढ़ गया है। जिस कारण किसानों और गांव की बिजली एक साथ नहीं चल पा रही है।
मैं और मेरी टीम लगातार गांव का दौरा कर अवैध रूप से चल रही मोटरों पर कैस बना रहे हैं। कल ही महुआ खेड़ा गांव के आसपास 8 कैस बनाए है। दो टीमों को चेकिंग के लिए बुलाया गया है। हमारी टीम नदी नाले पर जाकर चेकिंग कर रहे हैं जो भी व्यक्ति अवैध रूप से मोटर चलाते हुए पाया जाता है उसके खिलाफ कैस बनाए जारहे हैं।
जूनियर इंजीनियर मनीष श्रीवास्तव बिजली विभाग