राधारानी पर बिगड़े बोल, प्रेमानंद महाराज का गुस्सा और संतों की महापंचायत…प्रदीप मिश्रा के बरसाने में माफीनामे की कहानी
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने आखिरकार अपने विवादित बयान पर माफी मांग ली है. उन्होंने ब्रजवासियों की मांग के मुताबिक मथुरा पहुंचकर राधा रानी के मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांगी है. यह मामला पिछले करीब 17 दिनों से लगातार चर्चा में बना हुआ है. पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा के दौरान राधा रानी पर कई विवादित बयान दिए थे जिससे पूरा संत समाज उनसे नाराज हो गया था.
शनिवार यानी 29 जून को पंडित प्रदीप मिश्रा अचानक बरसाना के श्री राधा रानी मंदिर पहुंचे और उन्होंने मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांगी है. प्रदीप मिश्रा ने माफी मांगकर पिछले कई दिनों से चले आ रहे उस विवाद को शांत किया है जिसमें पूरा संत समाज कूद गया था. इसकी शुरुआत 9 जून को हुई थी जब पंडित प्रदीप मिश्रा एमपी के खंडवा जिले के ओमकारेश्वर में कथा करने पहुंचे थे.
शिव महापुराण की कथा के पहले ही दिन प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी पर कहा था कि ‘राधा रानी का नाम भगवान श्री कृष्ण की 108 पटरानियों और 16000 रानियों में नहीं है. राधा रानी के पति का नाम अनय घोष था और उनकी शादी छाता में हुई थी. उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था.’ इतना ही नहीं प्रदीप मिश्रा ने अपने वक्तव्य में यहां तक कह दिया था कि राधा रानी का जन्म बरसाना में नहीं हुआ था बल्कि उनका जन्म रावल गांव में हुआ था और बरसाना में उनके पिता की कचहरी थी जहां वह साल भर में सिर्फ एक बार ही आती थीं.
प्रेमानंद महाराज ने की तल्ख टिप्पणी
इस बयान के कुछ दिनों बाद उनका वीडियो वायरल हो गया, जिस पर मथुरा वृंदावन के रसिक संत प्रेमानंद महाराज ने तीखी टिप्पणी की थी. प्रेमानंद महाराज ने कहा था कि प्रदीप मिश्रा अगर उनके इष्ट के बारे में कुछ भी बोलेंगे तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही उन्होंने उनके कथा वाचक होने पर भी सवाल खड़े किए थे. प्रेमानंद महाराज का वीडियो सामने आने के बाद ब्रजवासियों ने एक सुर में प्रदीप मिश्रा का विरोध किया.
सफाई दी, फिर दिया चैलेंज
ब्रज क्षेत्र में प्रदीप मिश्रा का लगातार विरोध हो रहा था. कई संत समाज ने उनके खिलाफ प्रदर्शन भी किए और प्रदीप मिश्रा को बरसाना आकर माफी मांगने को कहा. इस पर प्रदीप मिश्रा का दूसरा वीडियो सामने आया जिसमें उन्होंने अपनी कथा में कहा कि वह प्रेमानंद महाराज के चरणों की धूल के बराबर भी नहीं. 14 जून को उनका यह वीडियो सामने आया था. इस वीडियो में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपने प्रवचनों में जो भी कहा है वह सब अलग-अलग शास्त्रों के मुताबिक कहा है. इस दौरान उन्होंने चुनौती भी दी कि अगर किसी को प्रमाण चाहिए तो वह सीहोर के कुबेरेश्वर धाम आ सकते हैं.
महापंचायत में बनी रणनीति
इस बयान के बाद बवाल और बढ़ता चला गया जिसके बाद ब्रजवासियों ने महापंचायत का आयोजन किया. 24 जून को ब्रज में महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें कई अखाड़ों के संत और कई ब्रजवासी शामिल हुए. इस महापंचायत में प्रदीप मिश्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई गई. सभी ने एक सुर में कहा कि अगर प्रदीप मिश्रा एक हफ्ते के अंदर बरसाना आकर नाक रगड़कर माफी मांगते हैं तो उन्हें माफ किया जा सकता है, अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी, साथ ही हाइवे जाम करके उनके खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा. उनकी ब्रज में एंट्री पर बैन लगा दिया गया और उनकी कथाओं के खिलाफ भी योजना बनाई गई.
29 जून को माफी मांगी
करीब 17 दिनों से चले आ रहे इस विवाद पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने आखिरकार विराम लगा दिया है. शनिवार को दोपहर में अचानक प्रदीप मिश्रा बरसाना के राधा रानी मंदिर पहुंचे और उन्होंने मंदिर के अंदर नाक रगड़कर माफी मांग ली है. उन्होंने यह भी कहा कि अब वह अपनी हर कथा में राधा रानी से क्षमा मांगेंगे. हालांकि उनके माफी मांगने के बाद अभी संत समाज की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है.