आलेख
अरुण पटेल
देश में लोकसभा चुनाव के लिए नगाड़े बज चुके हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक-दूसरे पर कहीं परोक्ष तो कहीं अपरोक्ष रुप से गरजते-बरसते नजर आ रहे हैं। विपक्षी गठबंधन ‘‘इंडिया‘‘ को मोदी ‘इंडी‘ कहकर सम्बोधित करते हैं, उनका कहना है कि हमारे नाम पर कई स्कीम हैं और विपक्ष के नाम पर केवल स्कैम यानी घपला-घोटाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के गढ़ दक्षिण भारत में भाजपा के लिए उर्वरा जमीन बनाने के अभियान को खुद धार देने के लिए मैदान में उतरे हुए हैं तो वहीं राहुल गांधी भाजपा की मजबूत पकड़ वाले इलाके के साथ ही मणिपुर से लेकर महाराष्ट्र तक अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के माध्यम से विभिन्न गारंटियां देते हुए चुनावी समर में उन मुद्दों को उछाल रहे हैं जिनसे आम
जनमानस को अपने दैनंदिनी जीवन में दो-चार होना पड़ रहा है। मोदी की गारंटी और राहुल की गारंटी इन चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बन सकती है और यह मतदाता ही तय करेंगे कि आखिर किसकी गारंटियों पर उसको भरोसा है। इसके साथ ही इलेक्ट्रोरल बांड के माध्यम से चंदे का कैसे धंधा चला और किसको क्या मिला, जैसे-जैसे यह स्पष्ट होता जायेगा इसे एक बड़ा मुद्दा विपक्षी दलों द्वारा बनाने की कोशिश की जायेगी, क्योंकि 16,518 करोड़ के चुनावी बांड खरीदे गये और यह कहा जा रहा है कि चुनावी बांड का सबसे अधिक फायदा 6060 करोड़ रुपये का भाजपा को मिला है, चंदा देने वालों में सबसे टाप पर लाटरी किंग 1368 करोड़ रुपये के साथ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव की तारीखों के ऐलान के एक दिन पहले शुक्रवार को दक्षिण भारत में भाजपा के चुनावी अभियान का आगाज कर दिया। तेलंगाना के हैदराबाद में मलकाजगिरि में प्रधानमंत्री मोदी ने एक रोड-शो किया जिसमें समर्थकों ने उनके ऊपर जमकर फूल बरसाये तो वहीं दूसरी और उन्होंने कन्याकुमारी में इंडिया गठबंधन पर आरोप लगाये। भाजपा का प्रयास है कि दक्षिण भारत के पांच राज्यों में अधिक से अधिक सीट हासिल कर उस मिथक को तोड़ने की है कि उसका दबदबा सिर्फ हिन्दी पट्टी के क्षेत्रों में है। 19 मार्च तक मोदी सभी दक्षिण भारतीय राज्यों का दौरा करेंगे। शुक्रवार को उन्होंने तामिलनाडु और केरल में रैलियां कीं। कन्याकुमारी से दक्षिण फतह के अभियान का आगाज करते हुए उन्होंने दावा किया कि तामिलनाडु की धरती पर उन्हें बहुत बड़े परिवर्तन की आहट महसूस हो रही है। उनका दावा है कि चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन विपक्षी गठबंधन इंडिया का सारा घमंड तोड़ कर रख देगा। मोदी ने कहा कि दोनों दल लूटने के लिए सत्ता में आना चाहते हैं, उनका इशारा कांग्रेस और द्रमुक गठबंधन की ओर था। टू-जी घोटाले द्रमुक को सर्वाधिक लाभ मिला। इंडिया गठबंधन के घोटालों को गिनाते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि यह सूची बहुत लम्बी है। दक्षिण भारत के पांच राज्यों के अलावा केंद्र षासित पुड्डूचेरी में लोकसभा की एक सीट है, कुल मिलाकर 543 सीटों में से दक्षिण में 131 सीटें हैं। भाजपा पिछले चुनाव में आंध्र, तामिलनाडु, और केरल में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, हालांकि कर्नाटक में 28 में से 25 और तेलंगाना में 17 में से 4 सीटें जीती थी। लेकिन अब 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में तेलंगाना राज्य के गठन के बाद पहली बार वहां कांग्रेस की सरकार बन गयी है। भाजपा की कोशिश है कि दक्षिण के हर क्षेत्र में उसे बढ़त मिले। इसको ध्यान में रखते हुए उसने आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में नये गठबंधन बनाये हैं जबकि तेलंगाना में अकेले चुनाव लड़ रही है।
चुनावी बांड को लेकर गरमाती राजनीति
चुनावी बांड खरीदी को लेकर जो मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है उसके तहत जो आंकड़े सामने आये हैं उसमें सबसे अधिक पैसा भाजपा को मिलने के बाद विपक्षी दलों ने इसे एक मुद्दा बनाते हुए भारतीय जनता पार्टी की घेराबंदी प्रारंभ कर दी है तो वहीं दूसरी ओर इसके पक्ष में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मैदान में उतरे और उन्होंने दो-टूक शब्दों में कहा कि- काला धन नहीं है चुनावी बांड, पार्टी के खातों में साफ दिखता है। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसको लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और भाजपा की अपने तईं तगड़ी घेराबंदी करने की की है। चुनावी बांड के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए जहां गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के आरोपों का करारा जवाब देने की कोशिश की और कहा कि चुनावी बांड भारतीय राजनीति से काले धन का वर्चस्व खत्म करने के लिए लाया गया था। इसे निरस्त करने के बाद
आगामी लोकसभा चुनाव सहित अन्य चुनावों में भी पहले की तरह काले धन के उपयोग का खतरा बढ़ गया है। एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में शाह ने कहा कि चुनावी बांड से पार्टियों को की गयी फंडिंग काला धन नहीं है बल्कि यह कंपनियों के साथ-साथ पार्टियों की बैलेंस शीट में दिखता है। शाह ने सुप्रीम कोर्ट से चुनावी फंड योजना को खत्म करने के बजाय इसे बेहतर बनाने की उम्मीद करते हुए कहा कि फैसले के बाद चुनावों में पहले की तरह काले धन के उपयोग का खतरा बढ़ जायेगा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनावी बांड को प्रधानमंत्री कार्यालय का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। तीखी प्रतिक्रिया में राहुल ने इसे केंद्रीय एजेंसियों की मदद से भाजपा को लाभ पहुंचाने वाला जबरन वसूली रैकेट बताया तथा इसे राष्ट्रविरोधी गतिविधि भी करार दिया है। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के अंतिम दिन एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इससे बड़ी कोई राष्ट्रविरोधी गतिविधि नहीं हो सकती। सीबीआई, ईडी और इनकम टेक्स विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियां भाजपा और आरएसएस का हथियार बन गयी हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि चुनावी बांड काले धन को सफेद करने की भाजपा की राजनीति है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने ईडी, सीबीआई और इनकम टेक्स जैसी केंद्रीय एजेंसियों का प्रयोग विपक्ष को डराने-धमकाने और बदनाम करने तथा अपनी पार्टी के लिए चंदा वसूल करने के लिये किया है। चुनावी बांड का विवरण सामने आने के बाद यह साबित हो गया है कि भाजपा सबसे बड़ी खाऊ पार्टी है।
और यह भी
अभी तक एकतरफा पार्टी छोड़ने का सिलसिला कांग्रेस से चल रहा था लेकिन अब भाजपा के राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि आगामी दो अप्रैल को उनका राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और राज्यसभा के चुनाव हो चुके हैं। अजय प्रताप सिंह भाजपा से इस्तीफा दे चुके हैं, वे सीधी से लोकसभा का टिकट चाहते थे, लेकिन नहीं मिलने पर नाराज होकर त्यागपत्र देते हुए निर्दलीय सीधी से चुनाव लड़ने की उन्होंने घोषणा की है। उन्होंने अपने इस्तीफे की कापी सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। उन्हें न तो राज्यसभा भेजा गया और न ही लोकसभा की टिकट दी गयी इसलिए नाराज होकर उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया है। इस प्रकार भाजपा छोड़ने वाले वे एक ऐसे नेता बन गये हैं जिनकी विदाई राज्यसभा से भी होने वाली है।
–लेखक सुबह सवेरे के प्रबंध संपादक हैं
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