बुरहानपुर। सूर्यपुत्री मां ताप्ती और मोहना नदी के संगम पर स्थित प्राचीन संगमेश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र को जल्द ही धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। मंदिर परिसर के विस्तार के साथ ही यहां घाट निर्माण, सुंदर पार्क और पाथवे का निर्माण कराया जाएगा। मोहना संगम में बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। मंदिर आने वाले भक्तों को शुद्ध पेयजल, पूजन सामग्री, विवाह के लिए विशाल डोम और पार्किंग जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी।
इसके लिए सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को करीब साढ़े आठ करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने बताया कि अगले सप्ताह तक इसकी स्वीकृति मिलने के साथ ही टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह राशि मुख्यमंत्री विशेष अनुदान के तहत दी जाएगी।
सांसद ने कहा कि आने वाले समय में यह स्थल धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में भी पहचाना जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार लगातार धार्मिक स्थलों का विकास कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने बुरहानपुर के संगमेश्वर महादेव मंदिर के विकास को हरी झंडी दी है।
सांसद ने बताया कि बोहरडा मार्ग से जुड़ने वाला मोहना संगम मार्ग दस साल पहले बनाया गया था। वर्तमान में यह जर्जर स्थिति में पहुंच गया है। जिसके चलते श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए अब इस मार्ग को सीसी बनाया जाएगा। मंदिर परिसर में दुकानों का निर्माण कराया जाएगा। जिससे ट्रस्ट की आय भी बढ़ेगी और भक्तों को पूजन सामग्री आदि आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।
विकसित होने वाले पार्क में बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले, फिसलपट्टी सहित अन्य उपकरण लगाए जाएंगे। मार्ग में रोशनी का प्रबंध भी किया जाएगा। इस दौरान पूर्व विधायक रामदास शिवहरे, मप्र पावरलूम फेडरेशन के अध्यक्ष जयंतीलाल नवलखे, पूर्व महापौर अनिल भोसले, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष दिलीप श्राफ, सांसद प्रतिनिधि किशोर शाह, मनोज टंडन, आदित्य प्रजापति, मंदिर ट्रस्ट के रामभाऊ पाटिल, दिनकर पाटिल, तुलसीराम दीवान आदि उपस्थित थे।
केंद्र सरकार का अंतरिम बजट विकसित भारत के दृष्टिकोण वाला
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा है कि केंद्र सरकार का अंतरिम बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण वाला है। यह बजट पिछले वर्ष के आधार पर बनाया गया है, जो मोदी सरकार के सबका साथ सबका विकास के आदर्श वाक्य के अनुरूप गरीबों, युवाओं, अन्नदाता और मातृ शक्ति को शामिल करता है।
इसमें प्रकृति, आधुनिक आधारभूत संरचना एवं सभी के लिए समान अवसरों के साथ समृद्ध भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करते हुए भारत को विश्व गुरु के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि देश में हवाई अड्डों की संख्या अब 149 तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा 2014 तक मौजूद हवाई अड्डों की संख्या की तुलना में दोगुनी वृद्धि दर्शाता है।