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श्रीराम भजन और दोहे-चौपाइयों से सजा हमारा रामसेतु

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बिलासपुर। अंग्रेजों के समय बने शहर के पहले पुल का इतिहास 100 साल से भी ज्यादा पुराना है, जिसका ऐतिहासिक महत्व भी है। वहीं अब यह पुल भगवान श्रीराम को समर्पित किया जा रहा है। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के इस पावन अवसर पर इस पुल पर भी विविध धार्मिक कार्यक्रम होंगे।

जहां भक्त भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करने के साथ इसे रामसेतु के नाम से अंलकरण करेंगे। ऐसे में इस रामसेतु को आकर्षक स्वरूप दिया गया है। रामचरितमानस के दोहे-चौपाइयों के साथ ही श्रीराम भजन लिखे गए हैं। साथ ही भगवा ध्वज लगाए गए हैं, साथ आकर्षक लाइटिंग की गईं हैं। यहां पर आकर्षण का केंद्र रामसेतु का चित्रण भी किया गया है।

रामलला के होने वाले प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरा देश राममय हो चुका है। शहर में भी भगवान श्रीराम की बयार बह रही है। ऐसे में 22 जनवरी सोमवार के दिन किसी पर्व से कम नहीं रहेगा। भक्त अपने-अपने तरीके से इस पर्व को मनाने के तैयारी में जुटे हुए हैं। ऐसे में राम भक्तों की सोच का नतीजा है कि पुराना सरकंडा पुल जिसका कोई भी नाम नहीं था, लेकिन 100 साल पुराना होने पर इसके ऐतिहासिक महत्व से सभी परिचित थे।
इसी के बाद एमआईसी की पिछली बैठक में पार्षद विजय ताम्रकार ने ही पुल का नाम रामसेतु रखने का प्रस्ताव रखा। जिससे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है। इस नए नाम का सभी शहरवासियों ने स्वागत किया है। वहीं अब रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन इस पुल में विविध धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर भगवान श्रीराम की स्तुति की जाएगी।
राम भक्तों में शामिल पार्षद विजय ताम्रकार की ही सोच रही कि इस पुल को भी श्रीराम को समर्पित किया जाए। वैसे भी यह पहला पुल रहा, जिसने शहरी क्षेत्र को सरकंडा से जोड़ने का काम किया था। ऐसे में इस पुल को हमेशा जीवित रखने के उददेश्य से ही अरपा पुल का नाम रामसेतु रखने का निर्णय विजय ताम्रकार के साथ क्षेत्रवासियों ने लिया। इसी के बाद एमआईसी की पिछली बैठक में पार्षद ने पुल का नाम रामसेतु रखने का प्रस्ताव रखा। जिससे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया।
शहर के राम भक्तों ने इस रामसेतु को इस तरह से सजाया है कि इसकी सुंदरता देखते ही बन रही है। पुल की शुरूआत में रामसेतु का चित्रण किया गया है। साथ ही पूरे पुल में श्रीराम के दोहे व भजन का लेखन किया गया है। सेतु के दोनों ओर भव्य भगवा गेट बनाया गया है और ध्वज व तोरण से सजाया गया है। साथ ही आकर्षक लाइटिंग की गई है। नदी के बहते पानी में भी इसका प्रतिबिंब देखते ही बन रहा है।
22 जनवरी की सुबह से रामसेतु में पूजन-पाठ होगा और सुबह से भंडारा का आयोजन किया जाएगा, यह भंडारा दिनभर चलेगा। इसके बाद शाम साढ़े सात बजे नगर विधायक अमर अग्रवाल रामसेतु का नामकरण करेंगे। इस दौरान विशेष पूजन और प्रसाद का वितरण किया जाएगा।
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