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क्या ‘नैना’ बनेगी नया ‘नोएडा’, जो लिखेगी तरक्की की नई इबारत!

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देश की राजधानी दिल्ली ने तरक्की का एक नया रास्ता तब देखा जब ‘एनसीआर’ को बनाया गया. इसमें भी नोएडा और गुरुग्राम जहां इकोनॉमिक हब बने, तो गाजियाबाद रेजिडेंशियल हब बन गया. अगर बात नोएडा की जाए तो उत्तर प्रदेश के लिए आज ये किसी वरदान से कम नहीं. ये राज्य के लिए सबसे ज्यादा राजस्व पैदा करने वाले जिलों में से एक है, इंडस्ट्रियल हब है और बहुत जल्द इसके पास दुनिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से ‘जेवर एयरपोर्ट’भी होगा. ऐसा ही कुछ ‘नैना’ सिटी करेगी देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ही ‘अटल सेतु’ या कहें ‘मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक’ का उद्घाटन किया. बस इसी से जुड़ी हुई है ‘NAINA'(नवी मुंबई एयरपोर्ट इंफ्लूएंस नोटिफाइड एरिया) सिटी जो देश की आर्थिक राजधानी के लिए तरक्की नई इबारत लिखेगी. चलिए बताते हैं कैसे…

‘नैना’ को समझने से पहले ये समझते हैं कि ‘अटल सेतु’ का मुंबई को फायदा कैसे मिलेगा? सबसे पहली बात जनसंख्या घनत्व के हिसाब से मुंबई काफी क्राउडेड प्लेस है. उसके पास दिल्ली-एनसीआर की तरह चारों तरफ फैलने के लिए जगह भी नहीं है. इसलिए मुंबई का फैलाव उससे सटे पालघर और ठाणे जिले तक हुआ है, लेकिन इसमें एक समस्या है कि इन इलाकों के लिए मुंबई से उत्तर-दक्षिण दिशा में ट्रैवल करना होता है.

नवी मुंबई का इलाका रायगढ़ जिले में है, लेकिन यहां तक पहुंच आसान बनाने के लिए मुंबई में यात्रा के पैटर्न को पश्चिम से पूर्व की ओर डेवलप करना जरूरी था. अटल सेतु, मुंबई को यही सबसे बड़ी राहत देगा. इससे मुंबई का फैलाव चारों दिशाओं में हो सकेगा.

‘नैना’ को नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास 371 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में डेवलप किया जा रहा है. ईटी की एक खबर के मुताबिक यहां सभी मॉडर्न फैसिलिटी होंगी. साथ ही इस इलाके पर जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट, अटल सेतु, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, मल्टी मॉडल कॉरिडोर जैसे प्रोजेक्ट का भी असर होगा. ये गुजरात के ‘गिफ्ट सिटी’ की तरह एक नया इकोनॉमिक जोन होगा. ये ठीक वैसे ही है जैसे ‘जेवर एयरपोर्ट’ के आसपास एक पूरा इंडस्ट्रियल और रेजिडेंशियल हब डेवलप हो रहा है जो नोएडा से लेकर अलीगढ़ तक फैला है. ‘नैना’ का फायदा भी उरन, पनवेल, करजत, खालापुर, पेण और ठाणे को मिलेगा.

‘नैना’ शहर मुंबई के लिए तरक्की की नई इबारत लिखेगा. ये एक तरफ मुंबई में कंजक्शन की प्रॉब्लम को दूर करेगा. दूसरा इंडस्ट्री को नवी मुंबई तक फैलने का मौका देगा. इतना ही नहीं ये एक बंदरगाह के तौर पर मुंबई की कैपेसिटी को भी बढ़ाएगा, जो देश के लिए वेस्ट के साथ व्यापार करने के नए मौके पैदा करेगा. मल्टी मॉडल कॉरिडोर की वजह से यहां इंडस्ट्री को फलने-फूलने का मौका मिलेगा, जो इस सिटी को तरक्की के पंख लगाएगी.

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