• सांची विश्वविद्यालय में युवा दिवस पर आयोजन
• स्वामी विवेकनंद का चिंतन वसुदैवकुटुंबकम का चिंतन है- प्रो. लाभ
रायसेन। सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष में दो दिवसीय युवा दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया। रामकृष्ण मिशन से जुड़े और शंकर एकता न्यास में आचार्य स्वामी वेदतत्वानंद ने स्वामी विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बचपन में उनकी मां व अन्य लोग उन्हे बीले(वीरेश्वर) बुलाया करते थे। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के बचपन के ‘ध्यान के खेल’ का ज़िक्र किया जिसमें बालक नरेंद्र बच्चों के साथ मिलकर ध्यान लगा रहे थे। तभी उस कक्ष में सांप आ गया जिससे डरकर सभी बच्चे भाग गए लेकिन बालक नरेंद्र ध्यान लगाए बैठे रहे और सांप उनके पास से निकल गया।
स्वामी वेदतत्वानंद ने स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस की पहली मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने ईश्वर को देखने के सवाल पर कहा कि जिस तरह से मैं तुम्हें देख रहा हूं उससे भी साफ मैंने ईश्वर को देखा है। और ईश्वर से साक्षात्कार ज्ञान चेतना से ही हो सकता है। इंद्रियों को बीच से हटाए जाने पर ही ईश्वर को देखा जा सकता है। उन्होने कहा कि भगवान बुद्ध ने भी कहा है कि दुख का निवारण चेतना से संभव है।
स्वामी वेदतत्वानंद ने बताया कि स्वामी विवेकानंद कहते थे कि – Each is potentially Divine – प्रत्येक व्यक्ति में देवत्व है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का यह भी कहना था कि – Be Free- मुक्त हों……इसलिए ईश्वर ने यह सृष्टि बनाई है। यही पूर्ण धर्म है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का चिंतन विश्वव्यापी है और भारतीय चिंतन वसुदैवकुटुंबकम का भाव लिए है। प्रो. लाभ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ‘चेतना’ के चरम पर थे और सभी लोगों को चेतना के इसी चरम पर देखना चाहते थे। स्कूल के बच्चों से प्रो. लाभ ने कहा कि वो स्वामी विवेकानंद को ज़रूर पढ़ें तथा योग, ध्यान करें ताकि स्वस्थ काया के साथ स्वस्थ मन भी पा सकें। प्रो. लाभ ने 11 जनवरी को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्य तिथि भी है जिस पर उन्होंने अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। कुलपति महोदय ने महापुरुषों पर आधारित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम भी शुरु करने का निर्देश दिया।
इस कार्यक्रम में महाराणा प्रताप पब्लिक स्कूल, सलामतपुर के बच्चे भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। स्वामी विवेकानंद के 161वें जन्म दिवस पर विश्वविद्यालय में 161 दीपक प्रज्वलित किए गए। विश्वविद्यालय में इस कार्यक्रम को 11-12 जनवरी को आयोजित किया जा रहा है।
नई दिल्ली से रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी सर्वलोकानंद ने भी ऑनलाइन लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि चरित्र निर्माण के बिना देश का निर्माण नहीं किया जा सकता इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को सर्वप्रथम चरित्र निर्माण के प्रयास करने चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक डॉ उपेन्द्र बाबू खत्री ने कार्यक्रम में सभी की सामूहिक चेतना को जागृत कर विश्वविद्यालय एवं राष्ट्र निर्माण में जुड़ने का आव्हान सभी से किया।
सांची विश्वविद्यालय में शुक्रवार 12 जनवरी 2024 को प्रात: 09:00 बजे सूर्य नमस्कार के साथ-साथ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है।