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मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
सांची विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम नरखेड़ा में शनिवार रविवार रात्रि को तेंदुआ ने गाय की बछिया के ऊपर हमला कर दिया। जिससे बछिया की मौत हो गई
नरखेडा निवासी बारेलाल लोधी पिता रामचरण लोधी ने कहा कि मैने पहाड़ के पास बनी अपनी टपरिया में दो गाय और दो गाय की बछिया को शाम को बांधा था। सवेरे जाकर देखा तो एक गाय की बछिया मरी हुई मिली। उसके ऊपर पंजों के निशान और दांत गड़े हुए मिले। बछिया के पीछे हिस्से को तेंदुआ खा गया था। हम नरखेडा निवासी कई दिनों से दहशत में जी रहे हैं। तेंदुआ का मूवमेंट नरखेडा,अंबाडी ,दीवानगंज, कयामपुर,संग्रामपुर यदि के जंगलों में देखा जा रहा है। इससे पहले भी तेंदुआ ने इन गांवों के जानवरों के ऊपर हमला किया था। 2 महीने से अभी इन जंगलों में तेंदुआ का मूवमेंट नहीं देखा जा रहा था मगर शनिवार रविवार के रात्रि के समय तेंदुआ ने गाय की बछिया के ऊपर हमला कर दिया जिससे गाय की बछिया की मौत हो गई। तेंदुआ के हमले की जैसे ही नरखेड़ा के ग्रामीणों को सूचना मिली सभी लोग दहशत में आ गए। नरखेडा में रहने वाले ओमप्रकाश लोधी, धनीराम लोधी, बारेलाल लोधी, मोहन सिंह लोधी, आदि ग्रामीणों का कहना है कि कई दिनों से तेंदुए को हम लोग पहाड़ पर घूमते हुए देख रहे हैं। वन विभाग के कर्मचारियों से कई बार तेंदुआ की शिकायत कर चुके हैं। मगर वन विभाग के अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। रात के समय हमेशा हमें डर बना रहता है कि कहीं तेंदुआ हम पर हमला न कर दे। हम अपने बच्चों को भी शाम के समय घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। इससे पहले भी तेंदुआ का मूवमेंट इस तरफ देखा गया है।
इनका कहना हे-
संग्रामपुर,कयामपुर,बालमपुर, अंबाडी, मुस्काबाद, नरखेडा और दीवानगंज यदि गांव से लगकर बड़ा जंगल पड़ता है। इस जंगल में तेंदुआ का हमेशा मूवमेंट बना रहता है। इसलिए ग्रामीणों को जंगल में जाते समय समूह में जाए और अगर तेंदुआ दिखे तो शोर शराबा कर उसको भगाने की कोशिश करें। रात के समय टॉर्च जलाकर जंगल में जाए। 1 महीने पहले भी सूचना प्राप्त हुई थी कि गांव से लगे जंगल में तेंदुआ घूम रहा है उस समय हमने गांव वालों के साथ मिलकर पटाखे फोड दिए थे ताकि जंगली जानवर गांव से दूर भाग जाए। जंगल होने के कारण तेंदुआ फिर से आ गया होगा। गाय की बछिया की मौत पर जो भी हरजाना होगा मलिक को दिया जाएगा।
– शक्ति श्रीवास्तव डिप्टी रेंजर