सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मामला:: राजनैतिक रसूख और पद का दुरुपयोग लेखापाल ने बेटी को डीईओ तो भतीजी को बनाया स्वीपर
बकस्वाहा से अभिषेक असाटी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बक्सवाहा में पदस्थ बीएमओ और अधीनस्थ कर्मचारियों का आपसी विवाद विगत दिनों सुर्खियों में आया था बीएमओ ललित उपाध्याय ने मीडिया के सामने स्थानीय अधीनस्थ कर्मचारी द्वारा राजनैतिक रसूख का फायदा उठाते हुए पद से पृथक कराने और देख लेने जैसी धमकी के साथ मानसिक प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाये थे। साथ ही विभाग में व्याप्त अनेक अनियमितताओं को क्रमशः उजागर करने की बात कही थी।
पत्रकारों द्वारा चाही गई जानकारी पर बीएमओ उपाध्याय ने लिखित जानकारी देते हुए कर्मचारी का नाम एवं उनके द्वारा लिए गए समस्त चार्ज और पद का दुरुपयोग करते हुए परिवार जनों को स्वास्थ्य विभाग में अवैध तरीके से लाभ दिलाए जाने की जानकारी दी।
लाखन सिंह लोधी स्थानीय और राजनीतिक रसूख के चलते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी प्रभार स्वैच्छिक या दबाव बनाकर षडयंत्र पूर्वक अपने कब्जे में लेते जा रहे हैं जिसका प्रमाण यह है कि वर्तमान में लाखन सिंह लोधी के पास विभाग के छः महत्वपूर्ण प्रभार है जिनमें स्टोर कीपर, लेखापाल, रोगी कल्याण समिति, एनआरसी, एनएमएस कुष्ठ एवं एनएचएम एनजीओ जैसे महत्वपूर्ण प्रभार है जिसके चलते अनावश्यक रूप से बीएमओ पर दबाव बनाने और चैक साइन करने का मामला सुर्खियों में आया था साथ ही बीएमओ ने बताया कि कैसे अपने राजनीतिक रसूख और पद एवं प्रभार का दुरुपयोग करते हुए अपने परिवार जनों को नियमों को ताक पर रखकर अनैतिक तरीके से लाभ दिलाया जा रहा है लाखन सिंह लोधी समेत परिवार के 6 लोग प्रशासनिक लाभ वेतन के रूप में हासिल कर रहे हैं जिनमें खुलकर भाई भतीजावाद नजर आ रहा है लाखन सिंह लोधी ने विभाग के छः महत्वपूर्ण और मलाईदार प्रभार होने के बाद भी स्वयं की पुत्री सपना लोधी को स्वास्थ्य विभाग बक्सवाहा में डीईओ के पद पर कार्यरत रखा है साथ ही स्वयं के पुत्र धर्मेंद्र लोधी वैक्सीनेशन वेरीफायर के रूप में कार्य कर रहे हैं इसके अलावा लाखन सिंह लोधी की बहू संगीता लोधी बमोरी में कुक के रूप में काम कर रही हैं तो वही भतीजी कीर्ति रानी लोधी कुक हेल्पर के रूप में बक्सवाहा में कार्यरत हैं अवैध रूप से लाभ लेने और पद के दुरुपयोग करने का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि स्वीपर जैसे पद का लाभ भी लाखन सिंह लोधी द्वारा नहीं छोड़ा गया और अपनी भतीजी निधी लौधी को पीएससी बाजना में स्वीपर का कार्य करा रहे हैं ।
अब इस बात का अंदाजा इसी बात से ही लगाया जा सकता है कि जिस परिवार के हाथ स्वास्थ्य विभाग की लगभग पूरी जिम्मेदारी लग गई हो वो स्वयं और उनके परिवार जन विभाग को वास्तविक रूप से कितनी सेवाएं दे रहे होंगे।अथवा जो कर्मचारी अपने बीएमओ जैसे अधिकारी को पद से पृथक करने और देख लेने की धमकी देकर अपने पद प्रभार और परिवार को नियमों को ताक पर रखकर काम और दाम हासिल कर रहा हो उसकी राजनैतिक जड़ें कहां तक जाती है यह तो वरिष्ठ अधिकारियों की आगामी कार्रवाई ही तय करेगी।
बीएमओ उपाध्याय ने बताया कि इसी तरह का दबाव मुझ पर शुरु से बनाने का प्रयास किया जा रहा जिसे मैं समय समय पर नकारते हुए व्यवस्थाओं में सुधार करता रहा और मर्यादा बनाये रहा कि विभागीय बातें सार्वजनिक ना हो परंतु जब पानी सिर से ऊपर हो गया तो मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा।
बहरहाल स्वास्थ्य विभाग का अंदरूनी मामला चाहे वर्चस्व की लड़ाई का हो या अनावश्यक दबाव का अथवा राजनैतिक कद और पद का दुरुपयोग कर अनैतिक लाभ का लेकिन स्वास्थ्य विभाग पर आश्रित लोग इलाज के लिए जरुर भटकते नजर आते हैं वहीं लोगों का कहना है कि लंबे अरसे बाद लगा था व्यवस्थाएं दुरुस्त होंगी और उचित इलाज मिलेगा परंतु यहां आकर पता चलता है कि स्थिति बेहतर होने की वजाय बद से बदतर हो गई।
अब देखना होगा कि वरिष्ठ अधिकारी स्वास्थ्य विभाग बक्सवाहा में चल रही आपसी खींचतान का मजा लेते हैं या उचित कार्रवाई करने का जोखिम।
लाखन सिंह लोधी – जहां तक प्रभार की बात है तो यह वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी है और में केवल निर्वहन कर रहा हूं।और परिवार जनों की बात है तो उनको वर्ल्ड क्लास एन जी ओ द्वारा नियुक्त किया गया है।
ललित उपाध्याय भी एम ओ – अपने राजनैतिक रसूख का उपयोग कर एक व्यक्ति अपने परिवार को लाभ पहुंचा रहा है जबकि इनमें से कोई भी काम नहीं करता।