सिलवानी से देवेश पाण्डेय
हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का सिलसिला चलता रहता है. भाई दूज भाई और बहन के रिश्ते को मजबूत करने वाला पर्व है. भाई दूज साल में दो बार मनाया जाता है. एक होली के बाद और दूसरा दीपावली के बाद. होली के बाद वाला भाई दूज चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस बार ये पर्व 20 मार्च को रविवार के दिन मनाया गया. ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो द्वितीया तिथि 19 मार्च शनिवार को दोपहर 11:37 बजे से शुरू होगी और 20 मार्च रविवार को सुबह 10:06 बजे समाप्त होगी. लेकिन उदया तिथि को देखते हुए ये पर्व 20 मार्च को मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक कर उसकी लंबी आयु की कामना करती हैं. तिलक करने तक बहनें व्रत रखती हैं. तिलक करवाने के बाद भाई पैर छूकर बहनों का आशीर्वाद लेते हैं और हर परिस्थिति में बहन का साथ निभाने का वचन देते हैं.
साल में दो बार आने वाला ये पर्व भाई और बहन के प्रेम को कहीं ज्यादा बढ़ा देता है और उन्हें एक दूसरे के प्रति जिम्मेदारियों का अहसास कराता है