भोपाल। मध्य प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2020-21 का रिटर्न भरने वाले लगभग तीन हजार लोगों के आयकर रिटर्न में गड़बड़ी मिली है। उनके रिटर्न में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को दी गई जानकारी बोर्ड को अन्य जगह से मिली उनकी आय-व्यय की जानकारी से मेल नहीं खा रही है।
ऐसे में कर सलाहकारों को इन मामलों का समाधान कराने के लिए आगे आना चाहिए जिससे रिटर्न भरने वालों को कानूनी प्रक्रिया में नहीं उलझना पड़े।
यह बात सुनीता बैंसला, प्रधान आयकर महानिदेशक (आसूचना और आपराधिक अन्वेषण), दिल्ली की उपस्थिति में आयकर विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को आयकर भवन भोपाल में कर सलाहकारों के साथ एक कार्यशाला में कही।
इस अवसर पर बताया गया कि आयकर रिटर्न की 2020-21 से ई-सत्यापन की सुविधा शुरू की गई है। इसमें बैंक, नियोक्ता आदि माध्यम से भी आय-व्यय की जानकारी आयकर विभाग को मिलती है।
इसका सत्यापन उस व्यक्ति द्वारा भरे गए रिटर्न से किया जाता है। ई-सत्यापन में कुछ लोग ऐसे भी मिले हैं, जो अन्य जानकारियों के आधार पर आयकर की सीमा में पाए गए हैं, पर उन्होंने रिटर्न ही नहीं भरा है। कार्यशाला में ई-सत्यापन के विभिन्न लाभों के बारे में बताया गया
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