-अधिकारियो की लापरवाही से परेशान हो रहे नागरिक
-18 माह का काम 48 माह में भी नही हो सका पूर्ण
-12 करोड़ की राशि से किया जा रहा है 2 किलो मीटर फोरलेन सडक़ का निर्माण
रिपोर्ट देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
सिलवानी में 2 कि.मी.मीटर लंबाई के फोरलेन सडक़ का निर्माण कर रही निर्माण एजेंसी केपकान प्रोजेक्ट कंपनी के द्वारा निर्माण के प्रत्येक क्षेत्र में बरती जा रही मनमानी व लापरवाही के चलते ना केवल निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित हो ही है बल्कि अधिकारियो के द्वारा निर्माण कार्यो की मानीटरिंग भी नही की जा रही है। जिससे निर्माण कार्य टिकाऊ होने की संभावनाए छीण होती जा रही है। गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य किए जाने के साथ ही निर्माण की एजेंसी की मनमानी पोल शिप्टिंग किए जाने में भी सामने आ रही है। सडक़ किनारे लगे विजली के पोल को शिप्ट किए बगैर ही डामरीकरण किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि आईसीआईसीआई बैंक के सामने स्थित पुलिस से स्टेट बैके ऑफ इंडिया की ब्रांच तक सडक़ के एक तरफ निर्माण एजेंसी के द्वारा बिजली के खम्बो को षिप्ट किए बगैर ही डामरीकरण कर दिया गया है ।
एपीआरडीसी के नियमो के तहत निर्माण से पूर्व बिजली के पोल के षिप्टिंग का कार्य किया जाना चाहिए। पोलो की शिप्टिंग होने के बाद ही सडक़ का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाना चाहिए। ताकि बाद में निर्माण कार्य को तोड़ा ना जा सके। लेकिन निर्माण एजेंसी के द्वारा बिजली पोलो के शिप्टिंग का कार्य नही कराया गया है। पोल शिप्टिंग कराए बगैर ही सडक़ का निर्माण कार्य किया जा रहा हैं। निर्माण एजेंसी के द्वारा एमपीआरडीसी के नियमो को ठेंगा बताए जाने से विभाग के अफसरो की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्टेट हाईवे 44 स्थित आमापानी कॉलोनी से बजरंग चौराहा तक दो किलो मीटर लंबे फेरलेन सडक़ का निर्माण कार्य एमपीआरडीसी के द्वारा कराया जा रहा है। हालांकि निर्माण की समय सीमा 18 माह तय की गई थी। लेकिन करीब चार साल बीत जाने के बाद भी कार्य पूर्ण नही किया जा सका है। वही दूसरी तरफ नाली निर्माण कार्य में तय मापदण्ड का उपयोग ना कर मनमानी पूर्वक कार्य किए जाने को लेकर भी लोगो में निर्माण एजेंसी के प्रति नाराजगी बनी हुई है। 12 करोड़ 34 लाख रुपए की लागत से आमापानी कॉलोनी से बजरंग चौराहा तक फोरलेन सडक़ का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
नही की जा रही है पानी से तराई
आरसीसी निर्माण के ंबाद निर्माण की मजबूती के लिए किए गए निर्माण कार्य पर पानी से तराई की जाती है। लेकिन निर्माण एजेंसी के द्वारा एैसा नही किया जाना बताया जा रहा है। लेकिन अधिकारी भी इस पर कोई कार्रवाही नही कर रहे है।
अफसर नही करते कार्रवाही
12 करोड़ से अधिक की राशि से कराए जा रहे फोरलेन निर्माण कार्य की अफसरो के द्वारा मानीटरिंग नही की जा रही है। एमपीआरडीसी के द्वारा निर्माण कार्य निर्माण एजेंसी के द्वारा किया जा रहा है। लेकिन विभागीय अफसरो के द्वारा निर्माण कार्य की मानीटरिंग नही की जा रही है। विभागीय अफसरो के द्वारा कार्य का निरीक्षण ना किए जाने से निर्माण एजेंसी लापरवाही बरत रही है। निर्माण एजेंसी के द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर एमपीआरडीसी के अफसर मौन बने हुए है। गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य मीडिया की सुर्खियां बन चुके है। लेकिन अफसर कार्रवाही करने के बजाय निर्माण एजेंसी को बलात संरक्षण दे रहे है।