मुख्यमंत्री शिवराजसिंह को लिखा पत्र बताया कारण
भोपाल। उमा भारती ने लिखा कि मैं रविवार को महिलाओं के आग्रह पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी के आजाद नगर में शराब की दुकान और अहाता देखने गई थी। वहां महिलाओं ने बताया कि यह मजदूरों की बस्ती है। यहां मंदिर है। स्कूल है। तीन साल से शराब की दुकान को बंद करने के लिए आंदोलन कर रही हैं। धरना-प्रदर्शन भी दिया है। हर बार प्रशासन ने आश्वासन दिया और धरना-प्रदर्शन खत्म करवाया। इसके बाद भी दुकान बंद नहीं हुई है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले कुछ समय से प्रदेश में शराबबंदी की मांग कर रही है। भोपाल के भेल इलाके में बरखेड़ी में स्थित शराब दुकान में घुसकर रविवार को उन्होंने पत्थर मारा। बोतलों को फोड़ा। साथ ही प्रशासन को 7 दिन में दुकान बंद करने की चेतावनी भी दी। इसी को लेकर सोमवार को उमा भारती ने शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा और अपनी बात को स्पष्ट करने की कोशिश की।
महिलाओं कीआपबीती सुनी तो आया गुस्सा
उमा भारती के पत्र के अनुसार वह महिलाओं की बात सुनकर प्रशासन से बात करने का कहकर पलट गई थी। तब कुछ महिलाओं ने रोते हुए बताया कि शराबी लोग शराब दुकान के पीछे खड़े होकर महिला-बच्चों की तरफ खड़े होकर लघुशंका करते हैं। महिलाओं और बच्चियों को लज्जित करते हैं। इस पर मैं दुकान की ओर मुड़ी और कर्मचारियों को शराब की बोतलों से अलग होने को कहा। पूरी ताकत से एक पत्थर शराब की बोतलों पर दे मारा। निषिद्ध और वर्जित स्थानों पर शराब की दुकानें और अहाते हैं, जिन्हें तत्काल बंद कर देना चाहिए।
महिलाओं के सम्मान की रक्षा में मारा पत्थर
उमा भारती ने अपने पत्र में लिखा कि मैं एक महिला हूं। रोती हुई महिलाओं के सम्मान की रक्षा में मैंने पूरी ताकत से एक पत्थर शराब की बोतलों में मारा है क्योंकि वह नियम विरुद्ध जगहों पर थीं। वह पत्थर जो मैंने मारा है, वह प्रदेश की स्त्रियों और बच्चियों के सम्मान के लिए हुआ है। जागरूकता अभियान तो शराबियों की एवं नशेड़ियों की निजी जिंदगी बचाने के लिए होगा।