भोपाल। नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय (टीएनसीपी) के जिला कार्यालयों से चिह्नित क्षेत्रों में विकास की अनुमति देने के अधिकार वापस ले लिए गए हैं।
अब जिला कार्यालय ऐसी भूमि जो वन क्षेत्र, पौधरोपण क्षेत्र में स्थित हो, जिसकी ढलान 10 प्रतिशत से अधिक हो या जो किसी नाले से नौ मीटर के भीतर स्थित हो, नदी से 30 मीटर के भीतर या तालाबों से 15 मीटर के भीतर स्थित हो, इन क्षेत्रों पर विकास अनुज्ञा जारी नहीं कर सकेंगे।
टीएनसीपी आयुक्त मुकेश चंद्र गुप्ता ने नई व्यवस्था करते हुए अपने जिला कार्यालयों को आदेश जारी किए हैं। इससे जिलों में होने वाले अनियोजित विकास पर भी अंकुश लगेगा।
आयुक्त ने जिला कार्यालयों से यह भी कहा है जबलपुर, देवास, पीथमपुर एवं मढ़ई निवेश क्षेत्र में कालोनी विकास के लिए आवेदित भूमि का न्यूनतम क्षेत्रफल के अंतर्गत क्लीयर एरिया 15 एकड़ से कम नहीं होना चाहिए। क्लीयर एरिया का अभिप्राय ऐसी भूमि से है जिस पर विकास अनुज्ञा दी जा सकती है।
यदि क्षेत्र के चारों ओर पूर्व से विकसित क्षेत्र है। तो ऐसे क्षेत्रों पर यह उपबंध लागू नहीं होगा। किसी पूर्व अनुमोदित कालोनी से लगी हुई भूमि का क्लीयर क्षेत्रफल न्यूनतम ढाई एकड़ होना चाहिए। उक्त न्यूनतम क्षेत्रफल की शर्त पूरी करने के लिए समस्त भूमि आवेदक के स्वामित्व की होना आवश्यक नहीं होगा।
नगरों में भंडार भवन की अनुमति तभी दी जा सकेगी, अगर आवेदित भूमि का क्लीयर क्षेत्रफल कम से कम दो एकड़ हो तथा उस तक पहुंचने के लिए न्यूनतम 12 मीटर चौड़ाई का मार्ग अथवा संबंधित विकास योजना में विहित न्यूनतम चौड़ाई का मार्ग उपलब्ध हो। अधिकतम निर्मित क्षेत्र 40 प्रतिशत तथा एफएआर 0.4 प्रतिशत होना भी आवश्यक होगा
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