संविधान निर्माता बाबा सा की प्रतिमा पर जमी धूल की परत
साँची से देवेन्द्र तिवारी
सांची में पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कराने सरकारें करोड़ों रुपए खर्च कर रही है परन्तु वह कहां खर्च हो रहा है किसी को पता नहीं है इस स्थल पर बसस्टेंड परिसर में स्थित यात्री प्रतीक्षालय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाकर विकास की पोल खोल रहा है ।
कहने को तो यह नगर एक विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात है जहां आये दिन देशी विदेशी पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है वर्षों पूर्व इस नगर से चौराहे पर दुकानों को हटाकर बसस्टेंड परिसर निर्मित कराया गया था तथा यहां बसों के आने की व्यवस्था कर यात्री प्रतीक्षालय भी निर्मित किया गया था काफी लंबा अरसा बीतने के साथ ही यह बसस्टेंड यात्री प्रतीक्षालय जर्जर अवस्था में पहुंच गया अतिक्रमण होने के कारण बसस्टेंड परिसर में बसों ने भी आना जाना बंद कर दिया जिससे दुकानदारों के व्यवसाय भी प्रभावित हो गये । कहने को तो इस नगर को यहां की प्रसिद्धि के अनुरूप ढालने के लिए सरकारें करोड़ों रुपए खर्च करने में पीछे दिखाई नहीं दी तथा इस नगर को सुंदर व स्वच्छ बनाए रखने के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए कागजों में खर्च कर दिए गए परन्तु यह किसी को पता नहीं चल सका कहा खर्च हुए जिससे इस नगर के हालात आज भी बद से बद्तर बने हुए हैं सरकार के लाखों रुपए पर चूना लगाने के मामले भी उजागर हो चुके परन्तु नगर के हालात जस के तस ही बने रहे । बसस्टेंड स्थित यात्री प्रतीक्षालय अपनी खंडहर होने की कहानी स्वयं बयां कर रहा है यह प्रतीक्षालय यात्रियों की सुविधा के लिए लाखों रुपए खर्च कर निर्मित किया गया था परन्तु इस प्रतीक्षालय में यात्री तो नहीं आवारा पशुओं वाहन चालकों ने इसे अपना अड्डा बना डाला इस प्रतीक्षालय में नप द्वारा कोराना से बचाव की कलाकृतियां तो पेंडिंग कर उकेर दी गई बावजूद इसके इसकी जर्जर हालत से प्रशासन पूरी तरह बेखबर बना रहा इतना ही नहीं इस प्रतीक्षालय के समीप ही लोगों ने वर्षों पूर्व संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा स्थापित कर ली जिस पर हजारों की संख्या में देशी विदेशी बाबा साहब के अनुयाई यहां आकर पुष्पांजलि अर्पित करते दिखाई दे जाते हैं इस प्रतिमा का अनावरण भी वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभूराम चौधरी द्वारा किया गया था बावजूद इसके इस प्रतिमा को स्थापित करने वाले भी भूल बैठे जिससे बाबा साहब की प्रतिमा पर धूल जमने लगी इस महान संविधान निर्माता की प्रतिमा पर न तो स्थापित करने न ही प्रशासन में जमे लोगों को ही सुध लेने की फुर्सत मिल पा रही है जिससे देश विदेश में इसका विपरीत संदेश पहुंचने के पूर्व इसकी देखभाल की जा सके ।