रामभरोस विश्वकर्मा, मंडीदीप रायसेन
शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल इन दिनो राजनीति का अखाड़ा बनते दिखाई नजर आ रहे है एक शिक्षक दूसरे शिक्षक को फसाने और कार्यवाही करवाकर निलंबित करने का हर संभव प्रयास कर रहे है इन दिनो राजनीति का अखाड़ा बना है दाहोद संकुल केंद्र में आधा दर्जन से ज्यादा स्कूल के शिक्षक एक स्कूल के शिक्षक को हर संभव निलंबित करने का प्रयास कर रहे है जिसके लिए यह पत्रकारों को लोक लुभावने लाभ देने का भी प्रयास कर चुके है पत्रकार को बार बार एक स्कूल की खबर को प्रकाशित करने का दवाब बनाया जाता है की आप उस स्कूल की खबर क्यों प्रकाशित नही करते पत्रकार को बार बार अन्य नंबरों से फोन लगाकर कहा जाता है की शिक्षक 6 महीने से स्कूल नही पहुंच रहा है जबकि सच्चाई यह है है आरोप लगाने वाले के पास किसी प्रकार के कोई भी इस प्रकरण से संबंधित सबूत उपलब्ध नही है इसके बाद भी पत्रकार पर अनेतिक दवाब बनाया जाता है की आप उस स्कूल की खबर को भी प्रकाशित करे हमारे पास वॉट्सएप पर की गई पोस्ट और ऑडियो सुरक्षित है अब आप अंदाजा लगा सकते है की एक शिक्षक की खबर को प्रकाशित करने का पत्रकार पर दवाब बनाया जा रहा है और प्रलोभन भी दिया जाता है स्कूल में बच्चों की शिक्षा को छोड़ दूसरे शिक्षक पर कार्यवाही करवाने के लिए शिक्षक किसी भी हद तक जाने को तैयार है इसमें एक शिक्षक का तो यहां तक कहना है की आप बस इस शिक्षक पर कार्यवाही करवा दो चाहे कितना भी पैसा खर्च हो जाए पर पत्रकार द्वारा इस शिक्षक द्वारा दिए प्रलोभन को सिरे से नकार दिया की में किसी प्रकार की गलत खबर प्रकाशित नही कर सकता हु क्योंकि वो शिक्षक गलत नही है न ही आपके पास कोई ऐसे साक्ष्य है जिससे उस शिक्षक की खबर प्रकाशित की जा सके लगभग लंबे समय से दाहोद संकुल केंद्र में कुछ शिक्षको द्वारा शिक्षक को फसाने के लिए जगह जगह आवेदन भी दिलवा दिए है एक आवेदन जो की शिक्षा मंत्री को दिया गया है उसमे हस्ताक्षर किसी और के है और बनाए गए आवेदन की हैंडराइटिंग किसी और की है जिससे प्रतीत होता है की शिक्षक को निलंबित करवाने के लिए यह शिक्षक कुछ भी करने को उतारू दिखाई नजर आते है
इनका कहना है
शिक्षा के मंदिर को राजनीतिक अखाड़ा नही बनाना चाहिए स्कूल में पड़ रहे बच्चो की शिक्षा प्रभावित होती है इस प्रकार की गतिविधियों से स्कूल का माहोल भी खराब होता दिखाई नजर आता है
मनीष मालवीय
प्रदेश संयुक्त सचिव आम आदमी पार्टी
शिक्षा के मंदिर मैं शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए ना कि राजनीतिक अखाड़ा बनाया जाना चाहिए जिससे बच्चों के भविष्य पर विपरीत असर पड़े
आशीष पाल यूथ कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष मंडीदीप
स्कूलों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है और यहां पर राजनीति करना कहीं से सही नहीं है जिसके कारण बच्चों के भविष्य पर विपरीत असर पड़ता है यह कहीं तक सही नहीं है
अशोक लोवंशी सामाजिक कार्यकर्ता