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हीरा सदा के लिए भी सभी खास मौकों के लिए भी

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इंदौर। हीरा है सदा के लिए…. यह वाक्य अब हो गया है हीरा है सभी खास मौकों के लिए….। जी हां इंदौरियों पर यह बात बिल्कुल फिट बैठ रही है। हीरे की चमक सदियों से लोगों की आंखों को चकाचौंध कर रही है और यह एक विशेष वर्ग तक ही सीमित रहता आया है लेकिन अब हीरे की चमक आज के दौर के युवाओं को आकर्षित कर रही है। चाहे कोई भी आयोजन हो हीरा युवाओं की पसंद में शुमार हो गया है। अपनी सैलेरी से पहला गिफ्ट देने की बात हो, सगाई-विवाह हो या फिर कोई त्योहार चाहिए तो बस हीरा ही।

शहर के सोना-चांदी के बाजार में अब हीरे की चमक भी शामिल हो गई है। आभूषणों की दुनिया में हीरा चार चांद लगा रहा है। जहां पहले लोग सोने के ठोस आभूषण लेना ही पसंद करते थे वहीं वक्त के साथ उसमें कुंदन और जड़ाऊ शामिल हुआ और अब हीरे ने अपनी पैठ बना ली है। हीरे के प्रति लोगों की दीवानगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोरोनाकाल के बावजूद पांच वर्ष में हीरे के आभूषण लेने वालों की संख्या 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है। इसमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है। इंदौरी युवा अब हीरे के आभूषण पर एक करोड़ रुपये तक भी खर्च कर रहे हैं और इसमें महिलाएं ही नहीं पुरुष भी शामिल हैं। शहर के सराफा बाजार से निकलकर हीरे के आभूषण अब शहर के कई क्षेत्रों में बने शोरूम में भी शामिल हो गए हैं।

काला, पीला हीरा भी पसंद में शुमार

एक वक्त था जब शहर में पारंपरिक कटिंग वाला अर्थात गोलाकार हीरे के ही आभूषण मिलते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। शहर में अब एमरल्ड कट, प्रिंसेस कट, पियर कट, ओवल कट हीरे के आभूषण भी मिलने लगे हैं। बात हीरे के रंग की करें तो कांच की तरह पारदर्शी हीरा ही एक वक्त चलन में था क्योंकि अन्य रंग के हीरे के बारे में शहर जानता भी नहीं था। अब यहां गुलाबी, पीला और काले रंग का हीरा भी खरीदा जा रहा है। इन हीरों के आभूषण विशेष मांग पर तैयार कराए जा रहे हैं और उपभोक्ता इसके लिए बड़ी रकम भी खर्च कर रहे हैं।

युवाओं की पहली पसंद

वैसे तो हीरा हर उम्र के लोगों की पसंद है लेकिन अब इसके प्रति रूझान कुछ अलग तरह से बढ़ रहा है। किशोरावस्था में लिए जाने वाले पहले आभूषण के रूप में हीरे को प्राथमिकता दी जा रही है। इसकी वजह इसके आभूषण का अपेक्षाकृत अधिक सुंदर होना है। युवाओं की बात करें तो 25 से 45 तक की उम्र के युवाओं की प्राथमिकता हीरा ही है। हीरे के आभूषणों की कुल बिक्री में से 70 प्रतिशत खरीदार युवा हैं। हीरे के आभूषण केवल महिलाएं ही नहीं पुरुष भी ले रहे हैं। यदि 95 प्रतिशत महिलाएं हीरे के आभूषण पसंद कर रही हैं तो 5 प्रतिशत पुरुष इसे ले रहे हैं

स्टेटस सिंबल है हीरा

हीरा अभी भी स्टेटस सिंबल बना हुआ है क्योंकि आज भी यह सभी के पास नहीं है। हीरे के आभूषण पसंद के अनुरूप बनवाए भी जा रहे हैं। विवाह समारोह की एक रस्म में हीरे के आभूषण पहनने का भी चलन शामिल हो गया है। हीरे की अंगूठी से लेकर हार तक शहर में उपलब्ध हैं और वह भी हर उम्र के अनुरूप।

25 प्रतिशत तक का बढ़ा बाजार

पंजाबी सराफ के सुमित आनंद बताते हैं आज के युवा माडर्न ज्वेलरी पसंद कर रहे हैं और इसमें हीरे के आभूषण माकूल साबित होते हैं। कोरोना महामारी के बाद इंदौर में हीरे में निवेश करने वालों की संख्या में करीब 25 प्रतिशत तक की बढ़त हुई है। अब शहर में हीरे के आकार और रंग में भी वैरायटी आने लगी है। हीरे के आभूषण के प्रति बढ़ते रूझान की कई वजह है। मेट्रो सिटी से शहर में रहने आए लोग हीरे के आभूषण को प्राथमिकता देते हैं तो युवा कुछ अलग की चाह में हीरे के आभूषण ले रहे हैं।

निवेश के रूप में भी ले रहे हीरा

डी बीयर्स फारएवरमार्क के अमित बंडी बताते हैं इंदौर में अब अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता वाला हीरा भी मिलने लगा है और इसका कारण यहां के लोगों की बढ़ती मांग और बढ़ती जागरूकता है। लोग यह समझने लगे हैं कि हीरे के आभूषण की कीमत कम नहीं होती बल्कि बढ़ती ही है इसलिए निवेश के रूप में भी इसे ले रहे हैं। कस्टमाइज डायमंड ज्वेलरी के लिए शहर के लोग एक करोड़ रुपये तक भी खर्च कर रहे हैं। सामान्य तौर पर 25 हजार रुपये से पांच लाख तक के हीरे के आभूषण लेना सामान्य बात है। अक्षय तृतीया के लिए भी लोग हीरे के आभूषण की बुकिंग करा रहे हैं।

बदलती पसंद बढ़ा रही व्यापार

पंजाब ज्वेलर्स के दर्पण आनंद के अनुसार शहर में हीरे के आभूषण के साथ उसकी प्रामाणिकता का बिल भी दिया जाने लगा है। इस वजह से हीरे के प्रति विश्वास और भी बढ़ा है। यही नहीं हीरे की कटिंग, उसके रंग, आकार, वजन का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। हीरे से बनने वाले आभूषणों की डिजाइन इसकी मांग बढ़ाने में खासी भूमिका निभा रही है। एक वक्त था जब सोने के आभूषण को प्लेटिनम ज्वेलरी ने पीछे छोड़ा था अब हीरे के आभूषण सबसे आगे हैं। लोगों की बदलती पसंद भी शहर में हीरे का कारोबार बढ़ा रही है।

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