नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से वहां उपराज्यपाल का शासन है। विपक्षी दलों की ओर से लगातार विधानसभा चुनाव की मांग की जा रही हैं। अब फिर से विपक्षी दलों के नेताओं ने इस लेकर बैठक कर ईसीआई से मुलाकात करने की बात कही। इस प्रतिनिधिमंडल में फारूक अब्दुल्ला, प्रमोद तिवारी, महबूबा मुफ्ती और नसीर हुसैन का हिस्सा होंगे। बैठक के बाद अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के 13 दलों के लोग गुरुवार को यहां मिले और इस बात पर सहमत हुए कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल होना चाहिए।
इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब इस मुद्दे पर एक साथ हैं, कि जब स्थिति सामान्य हो गई है, तब जम्मू-कश्मीर में चुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं। वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हम सभी मुद्दों (जम्मू-कश्मीर और विधानसभा चुनावों में राज्य की बहाली) पर सहमत हुए हैं। हम सभी जम्मू-कश्मीर के लोगों के दर्द को साझा करने और उन्हें आश्वासन देने के लिए श्रीनगर जाने के लिए तैयार हैं। 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में सांसद हसनैन मसूदी, रतन लाल गुप्ता (एनसी), रविंदर शर्मा (कांग्रेस), हर्षदेव सिंह (पैंथर्स पार्टी), मुजफ्फर शाह (एएनसी), अमरीक सिंह रीम (पीडीपी), मास्टर हरि सिंह (सीपीआईएम), गुलचैन सिंह (डोगरा सबा), मनेश सनैनी (शिवसेना), तरणजीत सिंह टोनी (आप) और खजुरिया शामिल हैं।
इसके पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने केवल झूठे वादे किए हैं। जम्मू और कश्मीर विध्वंस अभियान के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, उन्होंने पहली बार ऐसी सरकार देखी है जो गरीबों के घरों को स्कूलों, अस्पतालों और पार्कों में बदल रही है।
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