मैनिट पीएचडी स्कॉलर्स में मचा हड़कंप, प्रबंधन ने नोटिस निकालकर प्रोटेस्ट ना करने की अंडरटेकिंग देने को कहा
–स्कॉलर्स ने नोटिस रद्द करने और 11 सूत्रीय मांगे पूरी करने की गुहार लगाई
-शोधार्थी उद्घोष महाआंदोलन फिर होगा शुरू, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जायेंगे स्कॉलर्स
भोपाल।मैनिट के पीएचडी स्कॉलर्स ने मैनिट प्रशासन से अकादमिक और परीक्षा विभाग के नोटिस AS/2023/701 दिनांक 30/01/2023 को रद्द करने एवं शोधार्थी उद्घोष महाआंदोलन की 11 सूत्रीय मांगों को स्कॉलर्स के हित में पूरा करने की गुहार लगाई है। पीएचडी स्कॉलर्स लगातार तीन-चार वर्षों से मैनिट प्रशासन के असंगत, दबावपूर्ण, अलोकतांत्रिक, शोषण युक्त एवं रिसर्च स्कॉलर्स के अहितकारी रवैये से पीड़ित एवं तनाव में हैं। विगत वर्ष एवं हाल ही में स्कॉलर्स ने मिलकर शोधार्थी उद्घोष महा आंदोलन के तहत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर अपनी बात मैनिट प्रशासन के सामने रखनी चाही, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव को देखते हुए विज्ञान भारती व जिला प्रशासन के आग्रह पर शोधार्थी उद्घोष महा आंदोलन को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया। स्कॉलर्स ने आरोप लगाया है कि हाल ही में जो नोटिस जारी किया गया है इसमें लोकतंत्र की हत्या की गई है। भारत लोकतांत्रिक देश है, जिसमें सभी को अपनी बात अपने तरीके से रखने का अधिकार है। लिखित में अंडरटेकिंग भरवाना कि हम अपनी मांगों को लेकर प्रोटेस्ट या आंदोलन ना करें या हम आंदोलन में शामिल नहीं थे या आंदोलन से अपना नाम हटा रहे हैं, यह न्याय संगत नहीं है और यह अलोकतांत्रिक भी है। इसके माध्यम से पीएचडी स्कॉलर्स को डराने धमकाने और दबाने का प्रयास किया गया है। मैनिट प्रशासन ने हमारी मांगों को मानने के बजाए दबाव बनाने का असंवैधानिक प्रयास किया है। हम सभी पीएचडी स्कॉलर्स इस नोटिस का विरोध करते हैं और यदि मैनिट प्रशासन ने यह नोटिस वापस नहीं लिया एवं शोधार्थी उद्घोष महा आंदोलन की 11 सूत्रीय मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया तो फिर से शीघ्र ही सभी पीएचडी स्कॉलर्स शोधार्थी उद्घोष महाआंदोलन के तहत आमरण अनशन (अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल) करने को विवश होंगे।