रामचरितमानस विवाद में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य का सपा में बढ़ा कद, अखिलेश यादव ने दी राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी
समाजवादी पार्टी (SP) ने रविवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की है जिसमें अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रोफेसर राम गोपाल यादव को प्रमुख महासचिव बनाने के साथ ही मोहम्मद आजम खान, शिवपाल सिंह यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य को महासचिव बनाया गया है. सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पार्टी के 62 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची साझा की गयी है.
समाजवादी पार्टी की तरफ से जारी की गयी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की लिस्ट में 14 लोगों को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. शिवपाल यादव के अलावा आजम खान और रामचरितमानस विवाद में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य को भी राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. जिसके बाद कहा जा रहा है कि रामचरितमानस विवाद में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश यादव की मौन स्वीकृत मिल गई है.
इन्हें भी बनाया गया राष्ट्रीय महासचिव
समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव, आजम खान और स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा 11 अन्य लोगों को भी राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है. इस लिस्ट में रवि प्रकाश वर्मा, बलराम यादव, विशम्भर प्रसाद निषाद, अवधेश प्रसाद, इंद्रजीत सरोज, रामजीलाल सुमन, लालजी वर्मा, रामचल राजभर, जे एंटोनी, हरेंद्र मलिक और नीरज चौधरी को भी राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है.
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद शिवपाल सिंह यादव ने पिछले वर्ष के आखिरी महीने में मैनपुरी में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया और चुनाव में सपा की भारी जीत के बाद उन्होंने सपा का झंडा थाम लिया. उन्होंने 2018 में अपनी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया और 2019 का लोकसभा चुनाव लड़े.
शिवपाल इस वक्त सपा के साथ
हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के बीच नजदीकी होने के बाद शिवपाल ने सपा के ही निशान पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जसवंत नगर से विधायक बनने के बाद फिर से अखिलेश यादव से उनकी दूरी हो गयी थी. मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव से अखिलेश यादव मैनपुरी उपचुनाव में चौथी बार मतभेद दूर कर एक हुए थे और तबसे चाचा-भतीजा के रिश्ते मजबूत हुए हैं.
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