पर्यावरण को बचाने के लिए दलदल भूमि का संरक्षण भी जरुरी है:डॉ केपी अहिरवार
दमोह से धीरज जॉन्सन
विश्व नम भूमी दिवस के अवसर पर स्थानीय पीजी महाविद्यालय में ईको क्लब के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में
डॉ केपी अहिरवार ने अपने उदबोधन में कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पानी को बचाना अति आवश्यक है साथ ही जहां जल का ठहराव व दलदल भूमि है उसे भी संरक्षित किया जाए जिससे पानी की शुद्धता व वनस्पति को लाभ मिलता रहे जो जीव जंतुओं औऱ मानव समाज के लिए जरूरी है। कार्यक्रम के दौरान भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने दलदल भूमि के फायदे के साथ नवीनतम जानकारियां प्रस्तुत करते हुए मृदा अपरदन को रोकने के सुझाव भी दिए।
विदित है कि वर्ष 1971 से ही रामसर कन्वेंशन की अनुशंसाओं के अनुसार सम्पूर्ण विश्व के झील, तालाबों कोरल रीफ्स,लाइगून, और मैनग्रोव क्षेत्रों के संरक्षण की रूप रेखा रखी गई थी,नम भूमी क्षेत्र जैव विविधता और इकोलॉजिकल महत्व के लिए आवश्यक होते है। अनेक प्रकार के जीव जंतु की प्रजातियों को आवास देते है, कार्बन डाइऑक्साइड को वातावरण में फैलने से रोकते है। जल स्तर को बनाए रखते है।
कार्यक्रम में अध्यक्षता प्राचार्य डॉ के पी अहिरवार व संयोजक डॉ वी के रोहित रहे,संचालन डॉ केएस बामनिया ने किया।
भाषण के ज्यूरी के रूप में डॉ जितेंद्र चौधरी, डॉ एम एम महंत एवम् डॉ पी सिकरवार रहे इस प्रतियोगिता में दीपक नामदेव प्रथम,दिशा पटैल द्वितीय और मयंक त्रिपाठी तृतीय स्थान पर रहे।इस अवसर पर डॉ पी के जैन,डॉ एन आर सुमन, डॉ अनिल जैन,धीरज जॉनसन, कार्यालयीन स्टाफ व छात्र-छात्राये उपस्थित रहे।