गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार को यहां जी-20 के ध्येयवाक्य (थीम) ‘ एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ पर आधारित अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव, 2023 का उद्घाटन किया जिसमें 68 देशों के करीब 125 पतंगबाज हिस्सा लेंगे। अंतरराष्ट्रीय सहभागियों के अलावा, देश के 14 राज्यों के 65 पतंगबाज तथा गुजरात के विभिन्न हिस्सों के 660 पतंगबाज भी सप्ताह भर चलने वाले समारोह में भाग लेंगे। इसका समापन 14 जनवरी को होगा।
पटेल ने यहां साबरमती रिवरफ्रंट पर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात में विकास की पतंग लगातार दो दशकों में नयी ऊचाइयों को पार करती रही है।” उन्होंने कहा कि पतंग उत्सव आसमान को छूने तथा नयी ऊंचाइयों तक पहुंचने का एक मौका है क्योंकि पतंग प्रगति, समृद्धि एवं उड़ान की प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब मोदी मुख्यमंत्री थे तब पतंग उद्योग को प्रोत्साहन मिला और वह दो दशकों में 8-10 करोड़ रुपये के उद्योग से बढ़कर 625 करोड़ रुपये का उद्योग बन गया एवं 1.30 लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत पहली बार जी-20 देशों की मेजबानी कर रहा है और यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि प्रधानमंत्री ने भारत की छवि वैश्विक मंचों पर मजबूत बनाई है। उन्होंने कहा कि गुजरात के लिए यह गौरव की बात है कि उसे जी-20 की 15 बैठकों की मेजबानी करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘ गुजरात की विकास यात्रा को निर्बाध जारी रखने के लिए हमने पर्यटन एवं रोजगार पर विशेष बल दिया है। आज का पतंग उत्सव उसी का उदाहरण है।
इस मौके पर पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा ने कहा कि उत्तरायण समारोह प्रकृति के संरक्षण का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद के अलावा वडोदरा, वडनगर, सोमनाथ, राजकोट, धोलेरा और धोर्डो में यह उत्सव आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव से विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है तथा ऐसे उत्सवों के आयोजन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संबल मिलता है एवं रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
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