सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट
भोपाल विदिशा हाइवे 18 के बालमपुर घाटी पर सोमवार सुबह एक ट्राले ब्रेक फेल होने से अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे में ड्रायवर को मामूली चोटें आई हैं। जानकारी अनुसार गुजरात से मिट्टी लेकर सागर जा रहा ट्राला सोमवार सुबह के समय भोपाल विदिशा हाइवे के बालमपुर घाटी उतरते वक्त ब्रेक फेल होने से अनियंत्रित होकर खाई में जाकर पलट गया। इस दौरान ड्राइवर को मामूली चोट आई हैं। जिसे इलाज के लिए भोपाल भेजा गया है। वहीं ट्राला पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया ट्राले के पहिए निकलकर दूर फिका गए।मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि मिट्टी से भरा ट्राला घाटी उतरते वक्त अचानक उसके ब्रेक फेल हो गए। और खाई में जा कर पलट गया। स्थानीय लोगों की मदद से ड्राइवर को बाहर निकाला गया। जिसे मामूली चोट आई हैं। इलाज के लिए भोपाल भेजा गया है। वही ट्राला पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। लोगों ने बताया कि बालमपुर घाटी पर आए दिन वाहन हादसों का शिकार होते हैं। जिससे कई बड़ी दुर्घटनाएं अभी तक हो चुकी हैं। दुर्घटना होने का मेन कारण घाटी की लंबाई और नागिन मोड़ बताया गया है। पूर्व में घाटी पर प्रशासन द्वारा रेलिंग भी लगाई गई थी। मगर घटना इतनी होती है कि रेलिंग भी बार बार टूट जाती है।
स्टेट हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर 8 महीने में हुई 35 दुर्घटनाएं—भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर आए दिन रोड दुर्घटनाएं हो रही हैं। कुछ समय पूर्व अशोक लीलैंड ट्राला जीजे 12 जेड 1725 सलामतपुर रेलवे रेक पॉइंट से लोहे की टीन के रोल लेकर जमुनिया वेलस्पन कंपनी जा रहा था। रास्ते में बालमपुर की घाटी पर चढ़ते समय ट्राले के ब्रेक फेल हो गए और ट्राला रिवर्स होकर नीचे खाई में उतर गया।वो तो गनीमत रही थी कि ट्राले के ड्राइवर और क्लीनर को कोई चोट नही आई। दोनों ने ट्राले से कूदकर अपनी जान बचा ली। अन्यथा बड़ी जनहानि हो सकती थी। भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर अधिक चढ़ाई होने की वजह से यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं। अभी कुछ समय पहले ही बालमपुर घाटी पर सुबह लगभग 5 बजे कटनी से चावल भरकर इंदौर जा रहे आयशर मिनी ट्रक क्रमांक एच आर38 आर 7261 ब्रेक फेल होने के कारण अनियंत्रित होकर पलट गया था। मिनी ट्रक में ड्राइवर सहित सवार तीन लोग सवार थे। जिन्होंने ट्रक से कूदकर अपनी जान बचाई थी। इसलिए तीनों को मामूली सी चोटें आई थी। वहीं एक हार्वेस्टर भी घाटी पर चढ़ते समय पलट गया था।पलटने से उसके दो टुकड़े हो गए थे। हालांकि पूरी घाटी रोड पर सुरक्षा की दृष्टी से रेडियम भी लगाए गए हैं। ताकि रात के समय वाहन चालकों को दुर्घटना से बचाया जा सके। लेकिन उसके बाद भी बालमपुर घाटी पर हादसे रुकने का नाम नही ले रहे हैं।
अधिक चढ़ाई व अंधा मोड़ होने के कारण हो रहे हैं हादसे–-भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे के बालमपुर घाटी से दिन भर में लगभग 25 हज़ार छोटे बड़े वाहन निकलते हैं। जो यूपी, दिल्ली, मुम्बई, गुजरात, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में जाते हैं। यहां से बड़े बड़े ट्राले और ट्रक क्षमता से अधिक माल लेकर घाटी पर चढ़ते हैं। और बीच घाटी पर पहुंचकर पीछे रिवर्स होने लगते हैं। और नीचे खाई में जाकर पलट जाते हैं। ना तो घाटी पर कोई संकेतक बोर्ड लगाए गए हैं। जिससे वाहन चालको को पहले ही अधिक चढ़ाई का पता चल सके।
इनका कहना है।
बालमपुर घाटी पर अंधा मोड़ और अधिक चढ़ाई होने के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। शासन प्रशासन ने यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी संकेतक नही लगाएं हैं। ज़िम्मेदार अधिकारियों को इस और ध्यान देना आवश्यक है।
दीपक शाक्य, स्थानीय निवासी