शिवलाल यादव
रायसेन। भोपाल में नर्सरी में पढ़ने वाली साढ़े तीन साल की छात्रा के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद जहां भोपाल में पुलिस और प्रशासन ने स्कूली बसों और अन्य वाहनों के खिलाफ जहां जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं रायसेन जिले में भी जिला प्रशासन, जिला परिहवन और पुलिस विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिले में संचालित स्कूलों बसों में खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है ।इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जिले में 200 स्कूल बस और 400 छोटे वाहनों से छात्रों का परिवहन किया जाता है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट दिल्ली ने गाइडलाइन जारी की हैं। जिसके तहत बच्चो की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। लेकिन निजी स्कूल संचालकों की मनमानी के चलते बच्चों की सुरक्षा दांव पर लगी हुई है। स्कूल बसों में न तो कैमरे लगे हैं और न ही जीपीएस सिस्टम। वहीं कई तो खतरा कंडम अनफिट ही बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं।
निर्धारित से अधिक संख्या में बैठा रहे बच्चे….
लापरवाही का आलम यह है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्कूल वाहनों की फिटनेस सहित अन्य नियमों के पालन संबंधी निगरानी परिवहन विभाग नहीं कर रहा है। यही कारण है कि स्कूल वाहनों में मनमानी की जा रही है। निर्धारित से अधिक संख्या में बच्चों को बैठाया जा रहा है। जिले में संचालित स्कूलों में 200 बसों का पंजीयन है। वहीं छोटे वाहनों की संख्या करीब चार सौ से अधिक है। उनकी जांच भी नहीं का जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति अधिक खराब है। स्कूल वाहनों के अलावा जीप व अन्य वाहनों से भी स्कूल के बच्चों को लाने ले जाने का काम किया जा रहा है।
कार्रवाई के नाम महज खानापूर्ति…..
स्कूल बसों के लिए निर्धारित गाइडलाइन का पालन न करने वालों पर कार्रवाई के नाम पर हमेशा खानापूर्ति की जाती है। भोपाल में जहां बसों में मासूम के साथ दुष्कर्म की घटना हुई तो वहीं कई बार स्कूल बसों में हादसे हो चुके हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ खानपूर्ति ही करते है।कमोवेश यही हालत सवारी आटो की बनी हुई है।
इनका कहना है-
परिवहन विभाग से मिले आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।जल्द ही ट्रैफिक पुलिस की मदद से स्कूल वाहनों की जांच कराई जाएगी।जगदीश सिंह भील आरटीओ रायसेन
ये है स्कूल वाहन की गाइडलाइन
● बस पर स्कूल का नंबर और नाम साफ तरीके से लिखा होना चाहिए।
● स्कूल बस में 2 सीसीटीवी कैमरे लगे होना चाहिए ।साथ ही जीपीसी सिस्टम भी लगा होना चाहिए। ●
● स्कूल वाहन का रंग पीला होना चाहिए।● स्पीड गर्वनर लगा होना चाहिए।
● फर्स्ट एड बॉक्स भी लगा होना चाहिए।
● विंडों पर ग्रिल होनी चाहिए।
● वाहन में आपातकाल गेट होना चाहिए।
● वाहन पर इमरजेंसी नंबर लिखा होना चाहिए।● चालक-परिचालक को खाकी ड्रेस पहनना चाहिए।
● स्कूल वाहन में अग्रिशामक यंत्र टँगा होना चाहिए।
● बैग रखने का स्थान होना चाहिए।