सागर।जैन समाज के 10 दिवसीय दशलक्षण पर्युषण महापर्व की शुरुआत आज 31 अगस्त ऋषि पंचमी के पर्व से शुरू हो रही है। पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म से पर्यूषण पर्व की शुरुआत होगी 10 दिन तक आत्मा के 10 गुणों की आराधना श्रद्धालुओं के द्वारा की जाएगी।
मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि 10 धर्मों में उत्तम क्षमा,मार्दव, आर्जव, शौच,सत्य,संयम तप, त्याग, आर्किंचन और ब्रह्मचर्य धर्म पर प्रत्येक मंदिर में सुबह अभिषेक,शांतिधारा पूजन और प्रवचन होंगे जहां-जहां मुनि संघ और आर्यिका संघ विराजमान है वहां पर प्रवचन और दोपहर में दशलक्षण धर्म की व्याख्या होगी। वर्ष में एक बार होने वाला मंजन जिसमें श्रीजी की पत्थर और अष्टधातु की प्रतिमाओं की साफ-सफाई विधि विधान से हुई। सांस्कृतिक और रचनात्मक कार्यक्रमों के साथ-साथ नाटक, भजन संध्या, कवि सम्मेलन, फैंसी ड्रेस सजाओ प्रतियोगिता, शास्त्र सजाओ प्रतियोगिता, टिकुल दशमी पर महिलाओं का विशेष कार्यक्रम आदि होगे। और व्रतों के पश्चात समाज के द्वारा सामूहिक और अलग-अलग क्षमावाणी कार्यक्रम भी संपन्न होंगे। दशलक्षण पर्व के अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु ऐसे भी हैं जो 5 दिन से लेकर 10 दिन तक का निर्जल उपवास करते हैं। सागर जिले में बंडा में निर्यापक मुनि श्री समयसागर महाराज का चातुर्मास, खुरई में निर्यापक मुनि संभवसागर महाराज, सानोधा में पदमसागर महाराज, बीना में मुनि श्री आगमसागर महाराज, राहतगढ़ में मुनि श्री विशदसागर, जरुआखेड़ा में मुनि श्री श्रेयांशसागर जी, कटरा में मुनि श्री विरंजनसागर महाराज, उदासीन आश्रम सागर में आर्यिका दृढ़मति माताजी, अंकुर कॉलोनी में आर्यिका अकलंकमति माताजी, नेहानगर में आर्यिका साधनामति माताजी, दीनदयालनगर मकरोनिया में आर्यिका सिद्धमति माता जी का वर्षायोग चातुर्मास चल रहा है।
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