प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती महिला को खाट पर लिटाकर उफनती नदी पार कर ग्रामीणों ने पहुंचाया अस्पताल
–स्वास्थ्य मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का मामला
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट।
एक ओर हमारा देश आजादी की 75 वी वर्षगांठ में अमृत महोत्सव मना रहा है। वहीं जिले के कई गांव आज भी जरूरी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है सांची विकासखंड के ग्राम शक्ति टोला से जहां पर घोड़ापछाड़ नदी उफान पर थी। एक गर्भवती महिला को मंगलवार रात्रि से प्रसव पीड़ा हो रही थी। मगर नदी का बहाव तेज होने के कारण नहीं निकल पा रहे थे। जो बुधवार सुबह कमर-कमर तक पानी में खटिया पर रखकर ग्रामीणों ने बमुश्किल महिला को निकालकर अस्पताल पहुंचाया। हालांकि नदी पर पुल भी है। मगर पुल इतना नीचा है कि नदी के जरा से बहाव में पुल पर पानी बहने लगता है। जिससे आवागमन रुक जाता है। यहां के लोग हर वर्षा काल के दिनों मे अपनों की जिंदगी बचाने के लिए खुद जिंदगी को दाव पर लगाकर सफर करते हैं। ये पूरा मामला रायसेन जिले के सांची विकासखंड के अंतर्गत आने वाले शक्ति टोला गांव का है। जहां एक 22 वर्षीय महिला रिबोजा पत्नी आसिफ खान को मंगलवार देर रात्रि से प्रसव पीड़ा हो रही थी। मगर गांव के रास्ते में पढ़ने वाली घोड़ापछाड़ नदी पुल के काफी ऊपर से जा रही थी। बुधवार सुबह जब जलस्तर थोड़ा कम हुआ तब कहीं जाकर ग्रामीण नदी के पुल के ऊपर से बह रहे कमर कमर पानी से महिला को खटिया पर रखकर नदी के पार लाए। फिर घंटों 108 एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा। प्राइवेट वाहन से अस्पताल ले जा रहे थे कि 108 एंबुलेंस रास्ते में मिल गई। और फिर 108 से आगे का सफर महिला ने तय कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि हर साल इसी समस्या से ग्रामीणों को जूझना पड़ता है।नदी पर पुल बनते टाइम ग्रामीणों ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी। क्योंकि ठेकेदार द्वारा पुल को ज्यादा ही नीचे बनाया जा रहा था। मगर ग्रामीणों की एक नहीं सुनी गई। जिसका खामियाजा आज ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। वहीं एक अन्य मामले में
बांसिया में नदी के बहाव के कारण गांव में फंसी प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती महिला को लेने पहुंची स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन की टीम–
रायसेन जिले के सांची विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम बांसिया में एक गर्भवती महिला कुंती बाई को प्रसव पीड़ा हो रही थी। मगर रास्ते में पढ़ने वाली घोड़ापछाड़ नदी पुल के ऊपर से बह रही थी। इस कारण महिला अस्पताल तक नहीं जा पा रही थी। सूचना मिलते ही सांची नायब तहसीलदार नियति साहू, डॉक्टर सीएमएचओ दिनेश खत्री, बीएमओ सुनील राय एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। हालांकि जब तक प्रशासनिक अमला एवं स्वास्थ्य विभाग का अमला पहुंचा। तब तक पानी नदी के पुल के नीचे आ गया था।इसके बाद महिला को स्वास्थ विभाग की गाड़ी में अस्पताल ले जाया गया।
इनका कहना है-
मेरी साली रिबोज़ा पत्नी आसिफ खान को प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल ले जाना था। लेकिन घोड़ापछाड़ नदी के पुल के ऊपर कमर तक पानी भरा हुआ था। पीड़ा ज़्यादा होने पर खटिया पर रखकर नदी पार लाना पड़ा। पुल बनते समय ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज कराई थी कि पुल की हाइट कम है। बारिश में दिक्कत होगी। लेकिन अधिकारियों ने हमारी बात नही सुनी। जिसकी वजह से कई गांव के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जमील खान, महिला के परिजन
गांव की दुल्हन को प्रसव पीड़ा के चलते 4 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाना था। नदी पर पानी होने के कारण। 5 लोगों ने खटिया पर लिटाकर नदी पार कराई। तब कहीं जाकर वाहन से अस्पताल ले जा सके।
शमीम खान, स्थानीय ग्रामीण