ग्रामीण नांव के सहारे कर रहे हैं आवागमन -क्षेत्र के सैंकड़ों किसानों के खेतों में भरा पानी, 150 एकड़ रकबे की फसलें हुई नष्ट
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की ग्राउंड रिपोर्ट।
जिले भर में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जहां नदी नाले उफान पर हैं। वहीं हलाली डैम का जलस्तर बढ़ने से सांची जनपद के गांव नीनोद में ग्रामीणों का सड़क मार्ग से संपर्क टूट गया है। चारों तरफ पानी ही पानी भर गया है। और खेतों में पानी भरने से लगभग डेढ़ सौ एकड़ रकबा की फसल पानी में जलमग्न हो गई है। रास्ता पानी में डूब गया है। एक तरफ से दूसरी तरफ अपने जरूरी कामकाज के लिए ग्रामीण नांव का सहारा लेकर निकल रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि हलाली डैम का पानी का जलस्तर बढ़ने से गांव में पानी भर जाता है। इस तरह की समस्या को ग्रामीणों पिछले 40 साल से भोग रहे हैं। हर साल उनकी फसल में पानी भर जाता है। फसलें नष्ट हो जाती है तो वहीं लगभग 2 महीने तक गांव का रास्ता बिल्कुल बंद हो जाता है। बच्चे स्कूल जाने से मोहताज हो जाते हैं। नांव के सहारे ग्रामीण अपनी जरूरत के कामकाज करते हैं। समस्या को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों से भी शिकायत भी की है मगर अब तक कोई हल नहीं निकला है। जिस की वजह से ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इनका कहना है-
बारिश के मौसम में हलाली डेम का जलस्तर बढ़ने पर पूरे गांव में पानी भर जाता है। रास्ता नही होने के कारण नांव से ही आना जाना करना पड़ता है। पानी से पूरी फसलें खराब हो गई है। विधायक से लेकर मंत्री तक गांव में आते रहते हैं। लेकिन किसी ने भी समस्या का समाधान नही किया है।
हरिओम मीणा, सरपंच ग्राम नीनोद
40 सालों से बारिश के मौसम में गांव के चारों और पानी भर जाता है। हम लोगों को नांव से ही आवागमन करना पड़ता है। चुनाव के समय कई नेता वादे करके जाते हैं। लेकिन बाद में कभी नही आते हैं।
बादाम सिंह ठाकुर, स्थानीय ग्रामीण
बारिश के मौसम में अगर कोई व्यक्ति गांव में बीमार पड़ जाए तो उसे इलाज के अभाव में अपनी जान ही गवाना पड़ती है। क्योंकि गांव में चारों और पानी भर जाता है। गांव से बाहर जाने के लिए नांव के अलावा कोई मार्ग नही है।हम लोगों को भी इस मौसम से गांव छोड़कर अन्य स्थान पर रहने के लिए जाना पड़ता है
दिग्विजय सिंह ठाकुर, स्थानीय ग्रामीण