डॉ. अनिल जैन
भोपाल।मध्यप्रदेश के500 से अधिक शासकीय महाविद्यालयो मैं कार्यरत लगभग 4550 से अधिक उच्चशिक्षित नेट स्लेट और पीएचडी डिग्री धारी अतिथिविद्वान सहायक प्राध्यापक के रिक्त पद के विरुद्ध वर्ष 2001 से कार्य कर रहे है।वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने इस व्यवस्था को लंबेसमय तक संचालित किया लेकिन अतिथिविद्वानो का भविष्य अभी भी अधर मैं लटका हुआ है।प्रारंभ मैं कालखण्ड ओर 2018 से 1500 रुपए प्रति कार्यदिवस के आधार पर अतिथिविद्वानो से महाविद्यालयो मैं अध्यापन एवं अन्य सभी कार्य लिये जाते है।15 माह की कमलनाथ सरकार के समय अतिथिविद्वानो को नियमित करने नोटशीट लिखी गई और नियमितीकरण का मुद्दा केबिनेट मैं जानेके एक दिन पूर्व ही सरकार दलबदल के तहत सत्ता से बाहर हो गई।दिसंबर 2019 मैं भोपाल के शाहजहांनी पार्क मैं अतिथिविद्वानो के आंदोलन मैं माननीय शिवराज जी चौहान ने अतिथिविद्वानो को नियमित करने की पुरजोर वकालत की थी।एवं अतिथिविद्वानो को आश्वाशन भी दिया था।कि हम सत्ता मैं आते ही अतिथिविद्वानो को नियमित करदेंगे।परंतु तीन वर्ष से अधिक समय सत्ता पर काबिज होने के बाद भी अतिथिविद्वानो को नियमित ना करके उनका शोषण जारी है।माननीय मंत्री गोपाल भार्गव माननीय नरोत्तम मिश्राजी सीताशरण शर्मा जी से लेकर वर्तमान उच्चशिक्षा मंत्री जी अतिथिविद्वानो को नियमित करने आश्वस्त कर चुके है।परंतु परिणाम शून्य।
वर्तमान सरकार के 100 से अधिक विधायक एवं मंत्रीगण अतिथिविद्वानो को नियमित करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम अनुशंसा पत्र भी लिख चुके है।
वर्तमान मे भीषण मंहगाई के इस समय मैं अल्प मानदेय के तहत उच्चशिक्षित नेट स्लेट एवं पीएचडी डिग्री धारी अतिथिविद्वान विगत 25 वर्षोंसे शासन की सेवाएं कर रहे है।परंतु वर्तमान सरकार ने अतिथिविद्वानो के सुरक्षित भविष्य के लिये अभी तक कोईभी ठोस नीति नही बनाई जिससे अतिथिविद्वान अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें। हाल ही मैं प्रदेश के 7 लाख कर्मचारियों को केंद्र के समान मंहगाई भत्ता देकर कर्मचारियों को तोहफा दे दियाहै।लेकिन महाविद्यालय मैं कार्यरत 4500 अतिथिविद्वानो के साथ सौतेला व्यवहार सरकार कर रही है।जो उचित नही है। अभीतक कोरोना काल एवं अन्य कारणों से लगभग 40 अतिथिविद्वान काल के गाल मैं समा गए।शासन की कोई नीति नहीहोने से इनके परिजनों को शासन से कोई सहारा नही मिला।
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय संयोजक डॉ के पी रजक ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से शासन से वर्तमान कार्यरत अतिथिविद्वानो को ठोस नीति का निर्धारण कर नियमित करने की मांग की है।इन्होंने बताया कि जल्द ही प्रदेश के समस्त अतिथिविद्वान नियमितीकरण की नीति नही बनाने पर भोपाल पहुँचकर विशाल धरना प्रदर्शन करेगें।
डॉ के पी रजक प्रांतीय संयोजक
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा