MPEB की आउटसोर्स एजेंसी ब्रिक्स इंडिया प्रा.लि. ने आते ही शुरू की मनमानी, दर्जनों कर्मियों को नौकरी से निकाला
-नौकरी के लिए 35 हजार की वसूली
11 जुलाई को कलेक्टर एवं एसई से मिलेंगे निकाले गए आउटसोर्स कर्मी, सुनाएंगे अपनी पीडा
तारकेश्वर शर्मा
छिंदवाड़ा। शिवराज सरकार ने सबसे बडा पाप नौकरियों में आउटसोर्स प्रथा लागू करके किया है, जिसमें लाखों शिक्षित युवाओं का भविष्य बर्बाद हो चुका है, इस नौकरी में न तो जिंदा रहने लायक वेतन है और न ही नौकरी में स्थायित्व। अधिकारियों की मिलीभगत से चल रही आउटसोर्स कंपनियों की मनमानी ने कर्मचारियों की जिंदगी को नरक बना दिया है, कभी तुच्छ से वेतन के लिए परेशान किया जाता है तो कभी नौकरी पर नहीं आने की धमकियां दी जाती हैं। इस तरह एमपीईबी के आउटसोर्स कर्मियों को हमेशा मानसिक तनाव से गुजरना पडता है, जिस कारण आए दिन हादसों में अपनी जान तक गंवानी पडती है।
ताजा मामला एमपीईबी में हाल ही में आई आउटसोर्स एजेंसी ब्रिक्स इंडिया कंपनी का है, जिसने दर्जनों आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फरमान सुना दिया है, इतना ही नहीं नौकरी के लिए 35 हजार रूपए तक की मांग की जा रही है। ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स, ठेका कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय संयोजक वासुदेव शर्मा ने ब्रिक्स इंडिया प्रा.लि. के प्रबंधन की मनमानी पर अंकुश लगाने और निकाले गए कर्मचारियों को नौकरी पर तत्काल वापस लेने की मांग एमपीईबी के एसई एवं कलेक्टर से की है। आउटसोर्स कर्मियों के नेता शर्मा ने कहा यदि ब्रिक्स इंडिया कंपनी के प्रबंधन की मनमानी पर अंकुश नहीं लगा, निकाले गए कर्मचारियों को वापस नहीं लिया गया तो 11 जुलाई को आउटसोर्स कर्मचारी एसई एवं कलेक्टर से मिलेंगे। शर्मा ने आउटसोर्स कर्मियों से अपनी नौकरी बचाने, सम्मान से जीवन जीने के लिए एकजुट हों और मिलकर कंपनी एवं अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ आंदोलन की तैयारी करें। शर्मा ने कहा कि एकजुट संघर्ष ही आपकी नौकरी सुरक्षित करा सकता है। शर्मा ने सभी आउटसोर्स कर्मियों से 11 जुलाई को 11 बजे तक डिवीजन कार्यालय पर एकत्रित होने का आग्रह किया है।