मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
कई वर्षों से देखते आ रहे हैं कि कृषकों द्वारा अपनी सुविधा के लिए गेंहू फसल की कटाई पश्चा्त खेत में आग लगाकर गेंहू के डंटलों को नष्ट किया जाता है जिससे व्यापक अग्नि दुर्घटनायें एवं जन धन की हानि होने की संभावना रहती है । जिससे मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्राभाव पडता है।
सैटेलाइट मॉनिटरिंग के माध्यम से प्राप्त सूचना अनुसार जिले में प्रतिदिन नरवाई में आग लगाने की दुर्घटनायें प्रदर्शित हो रही है। जो कृषि एवं पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत ही नुकसानदायक है। साथ ही पशुओं के लिए भूसा, चारा की उपलब्धता में भी कमी हो रही है।
इसी को ध्यान में रखते हुए दीवानगंज क्षेत्र की पंचायतों ने अपनी कमर कस ली है। सोमवार को अंबाडी पंचायत के चौकीदार ने गांव में मुनादी की है कि कोई भी किसान अपनी फसल निकालने के बाद नरवाई में आग ना लगाए। अगर आग लगाई गई तो उससे 25 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।सैटेलाइट मॉनिटरिंग के माध्यम से नजर रखी जा रही है। इस साल शासन ने दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं। कि खेतों में नरवाई जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं कई किसानों को समझाइश भी दी जा रही है कि किसान भाई अपने खेत में रोटावेटर चलाकर नरवाई को खेत में मिला दे जिससे मिटटी की उर्वरक क्षमता बढेगी, स्ट्रारीपर द्वारा भूसा बनाकर मवेशियों के लिए उपयोग किया जा सकता है एवं बेलर मशीन से नरवाई के बंडल बनाकर पशु चारा एवं ईंधन आदि उपयोग किया जा सकता है। किसान भाई अपने खेत में एक से दो ट्रॉली भूसा बनवाकर जिले में संचालित गौशालाओं में दान करने से पशुओं के आहार में उपयोग हो सकता है। ग्रीष्म मौसम में मूंग लगाने वाले किसान भाई हैप्पीेसीडर एवं सुपर सीडर के माध्यम से सीधी बुआई कर सकते है।