-51 कलश लेकर छोटी-छोटी कन्याए और माता बहने निकली
मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन कायमपुर गांव के मुख्य मार्गो से कलश यात्रा निकाली गई जिसमें छोटी-छोटी कन्याए ,माता और बहने अपने सर पर 51 कलश लेकर चल रही थी आगे आगे ढोल नगाड़े के साथ गांव के मुख्य मार्ग से कलश यात्रा निकाली गई। कथा के दूसरे दिन कथा व्यास महाराज ने द्रौपदी चीर हरण तथा राजा परीक्षित की कथा सुनाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
गांव कायमपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में पहले दिन कथा वाचक आनंद कृष्ण शास्त्री ने बताया कि राजा परीक्षित ने गर्भ में ही श्रीमद्भागवत कथा सुनी थी। बताया कि राजा परीक्षित का जन्म हुआ और उनके जन्म के बाद जैसे ही उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को देखा तो प्रसन्न हो उठे थे। महाभारत में द्रौपदी के चीर हरण में भगवान श्री कृष्ण की महिमा का बखान करते हुए कहा कि कौरव तथा पांडव के बीच जुए का खेल हुआ। जिसमें पांडव हार गए थे। तब कौरवों द्वारा द्रौपदी का चीर हरण किया गया। द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण किया। भगवान श्री कृष्ण द्रौपदी के वस्त्र बनकर खड़े हो गए। इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी की इज्जत बचाई। उन्होंने कहा कि सच्चे मन से भगवान का स्मरण करने से उनकी विपत्ति दूर हो जाती है।