ढाई लाख आउटसोर्स कर्मियों के भविष्य को संवारने का होगा संघर्ष, 8 अगस्त को भोपाल में प्रदर्शन
तारकेश्वर शर्मा
छिंदवाड़ा। असंगठित कामगार कर्मचारी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष वासुदेव शर्मा एवं ग्वालियर के मनोज भार्गव को सभी विभागों के आउटसोर्स कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि सम्मेलन में “ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स ठेका कर्मचारी संयुक्त मोर्चा मप्र” का प्रदेश संयोजक चुना गया, इनके साथ 11 सदस्यीय कोर कमेटी का गठन हुआ जिसमें राहुल मालवीय, रीतेश देवनाथ, प्रकाश यादव, शिव नारायण राजपूत, दीपक सिंह, के के नेमा, प्रकाश पुंज चौधरी, के जी पुरोहित, नितिन गावंडे, महेंद्र सिंह राजपूत, रीतेश देवनाथ, निखिल यादव को शामिल किया गया।
इस तरह भोपाल में संपन्न हुए प्रतिनिधि सम्मेलन में प्रदेश के आउटसोर्स, ठेका कर्मचारियों ने अपना नेतृत्व चुना जो 2,50,000 ढाई लाख पीडित कर्मचारियों के भविष्य को संवारने की निर्णायक लडाई 8 अगस्त को भोपाल में प्रदर्शन के साथ शुरू होगी जो तब तक चलेगी जब तक कि प्रदेश से आउटसोर्स ठेका प्रथा की समाप्त नहीं हो जाती।
भोपाल से लौटकर प्रदेश संयोजक वासुदेव शर्मा ने कहा कि 18 से मप्र में भाजपा की सरकार है जिसने नौकरियों में आउटसोर्स, ठेका प्रथा लागू करके लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया है इसलिए हम लोग आउटसोर्स, ठेका प्रथा समाप्त कराके युवाओं के भविष्य को संवारने का संघर्ष मप्र में विकसित कर रहे हैं, 8 अगस्त को भोपाल में इसे प्रदेश की करोडों जनता शिवराज सिंह की 18 साल की बर्बादी का नजारा अपनी आंखों से देखेगी।
ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स ठेका कर्मचारी संयुक्त मोर्चा मप्र के प्रदेश संयोजक वासुदेव शर्मा ने कहा कि 6 साल में न्यूनतम वेतन रिवाइज होना चाहिए लेकिन सरकार ने 18 साल से इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया, महंगाई भत्ता सहित जो न्यूनतम वेतन सरकार तय करती है वह भी नहीं दिया जाक़ता, जिसका नतीजा है कि आज भी आउटसोर्स ठेका कर्मचारी 5-7 हजार में काम करने को मजबूर हैं, सफाई कर्मियों को तो 4-5 हजार भी नहीं मिलते। हर दिन बढ़ी महंगाई में आउटसोर्स, ठेका कर्मियों को मिलने वाले वेतन से इनके परिवार दो वक्त भरपेट खाना भी नहीं खा सकते, दीगर जरूरतें कैसे पूरी होंगी, यह विचारणीय विषय है, इन हालातों में आउटसोर्स ठेका कर्मियों के सामने मिलकर लडने के सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं है, इसलिए ही ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स ठेका कर्मचारी संयुक्त मोर्चा मप्र बनाया गया है, जिसमें 15 से अधिक आउटसोर्स, ठेका कर्मचारियों के संगठन शामिल हैं।