रिपोर्ट धीरज जॉनसन, दमोह
दमोह जिले के बटियागढ़ ब्लॉक के निकट प्राचीन स्थल पंचमनगर, किले के अवशेष, दीवार,मंदिर और प्राकृतिक सौंदर्य के रूप में अलग पहचान रखता है और वर्तमान में बांध परियोजना के कारण जिले के अनेक ग्रामों में जलापूर्ति और सिंचाई का माध्यम भी है।
पंचमनगर के प्राचीन मंदिर की दीवार और छत में आज भी खूबसूरत नक्काशी दिखाई देती है यहां बने चित्रों में सुसज्जित हाथी, ऊंट, घुड़सवार, तलवार लिए सैनिक,पक्षी और पुरातन समय की झलकियां दिखाई देती है,और दैनिक दिनचर्या को भी प्रदर्शित करती है।कहीं कहीं यह धूमिल भी हो गई है।
परंतु मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही जगह- जगह फर्श और दीवार को देखकर प्रतीत होता है कि इन्हें खोद दिया गया है जिससे ये अपना मूल अस्तित्व खोते जा रहे है अगर यही स्थिति रही तो वह दिन भी दूर नहीं जब प्राचीन धरोहर नष्ट हो जाएगी।इस संबंध में जब आस पास के ग्रामीणों से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि यह
अत्यंत प्राचीन स्थान है लोगों को लगता है और जन चर्चा भी रहती हैं कि यहां खुदाई करने से खजाना मिल सकता है इसलिए लोगों ने धरोहर और विरासत से भी छेड़छाड़ शुरू कर दी है। अगर यही हाल रहा तो पुरातात्विक महत्व का यह स्थान नष्ट हो जाएगा, इसका संरक्षण जरूरी हैं।