-एमपीईबी की आउटसोर्स एजेंसी कर्मचारियों से लिए जा रहे शपथपत्र को संविधानविरोधी
-एमपीईबी की आउटसोर्स एजेंसी “ब्रिक्स इंडिया प्राईवेट लिमिटेड” द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों से लिए जा रहे शपथपत्र
-आंदोलन, धरना, प्रदर्शन न करने की शपथपत्र से शर्तें हटाए कंपनी: वासुदेव शर्मा
तारकेश्वर शर्मा
छिंदवाड़ा। असंगठित कामगार कर्मचारी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष वासुदेव शर्मा के नेतृत्व में कलेक्टर को ग्यापन देकर एमपीईबी की आउटसोर्स एजैंसी के शपथपत्र पर एतराज जताया गया। ग्यापन में बताया गया कि एमपीईबी छिंदवाड़ा में आउटसोर्स एजेंसी ओरियन कंपनी कै ब्लैक लिस्टेड होने के बाद “ब्रिक्स इंडिया प्राईवेट लिमिटेड” को ठेका मिला है, जिसने काम शुरू करने से पहले ही बोलने, देश को समझने जैसे अधिकार छीनकर कर्मचारियों को गुलाम बनाने जैसा शपथपत्र लेना शुरू कर दिया है, उक्त कंपनी द्वारा लिए जा रहे शपथ पत्र के बिन्दु क्रमांक-3 एवं बिन्दु क्रमांक-5 कर्मचारियों को असुरक्षित करने, उनके बोलने, लोकतांत्रिक तरीके ले अपनी बात रखने और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को समृद्ध बनाने में योगदान देने जैसे अधिकारों को छीनकर कर्मचारियों से गुलाम बनने की लिखित स्वीकृति ली जा रही है, जिसे तत्काल रोके जाने की जरूरत है। ग्यापन देने वालों में किरण कुमार बशगोतिया, मितेन्द्र चंदेल, रमन ब्रम्हे, क्रिस बस्त्राणे, रोमी यादव, भगत उईके, सुबेलाल धुर्वे, राजेश वर्मा, संजय अहिरवार, साहूलाल उईके, बिक्की डेहरिया, सलमान खान सहित बडी संख्या में पदाधिकारी उपस्थित थे।
कामगार कांग्रेस के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने कहा कि कंपनी द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों से लिए जा रहे शपथपत्र के बिन्दु क्रमांक-5 में कहा गया है कि आप धरना प्रदर्शन में भाग नहीं लेंगे, यह बोलने के लोकतांत्रिक अधिकार को छीनने जैसा है, जब कंपनी या विभाग कर्मचारियों को वेतन, पीएफ, बोनस समय पर नहीं देगा, तब कर्मचारियों के पास धरना प्रदर्शन ही एक रास्ता होता है, जिस पर चलकर वह अपनी बात शासन प्रशासन तक पहुंचा सकता है। इसी तरह बिन्दु क्रमांक-3 में राजनीतिक गतिविधियों से संबंध का जिक्र है, यह सभी जानते हैं कि जब कामगारों के साथ अन्याय होता है, तब वे खुद को सुरक्षित करने, अपने साथ न्याय कराने के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की मदद लेते हैं, उन्हें इससे वंचित करना भी अनुचित है।
शर्मा ने कहा कि प्राईवेट कर्मचारियों के लिए राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन उक्त कंपनी द्वारा लिए जा रहे शपथ पत्र से स्पष्ट है कि कंपनी के इरादे ठीक नहीं है। हमारा आग्रह है कि आउटसोर्स एजेंसी “ब्रिक्स इंडिया प्राईवेट लिमिटेड” के इरादों पर अंकुश लगाया जाए तथा एमपीईबी के आऊटसोर्स कर्मियों को विभाग से ही वेतन भुगतान की प्रक्रिया को जारी रखा जाए