मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
सहकारी समितियों पर डीएपी खाद न आने से क्षेत्र के किसान परेशान हैं। इस समय किसानों के खेतों में सरसों, गेहूं, चना ,मटर ,सहित कई फसलें की बोआई चल रही है। ऐसे में सहकारी समितियों पर डीएपी खाद न मिलने पर किसान प्राइवेट दुकानों पर अधिक दामों पर डीएपी खाद खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। दीवानगंज क्षेत्र की सहकारी समिति पर डीएपी खाद उपलब्ध न होने पर क्षेत्र के किसान परेशान हो रहे हैं।
दीवानगंज निवासी सुरेश साहू , राकेश कुशवाह , दिनेश साहू, राजेश साहू, अंबाडी निवासी ओंकार सिंह मीणा , कमल सिंह मीणा महेंद्र मीणा किसान बताते हैं कि किसानों की बुवाई लेट न हो इसलिए वह प्राइवेट दुकानों पर 1650 से लेकर 1750 रुपयों तक में डीएपी खाद की बोरी खरीदने को मजबूर हैं। अधिकारी समितियों पर खाद उपलब्ध न होने पर चुप्पी साधे हुए हैं और किसान बाजार में भटक रहे हैं।
प्रभारी देवेंद्र मीणा ने बताया कि डीएपी खाद के लिए किसान चक्कर लगा रहे हैं मगर डीएपी जिले से ही उपलब्ध नहीं हो पा रहा है विभाग द्वारा एनपीके 20,20,13 खाद भेजी गई है। मगर किसान इसको लेने से मना कर रहे हैं। खाद न मिलने से किसानों की बुवाई में देरी हो रही है। अभी एक हजार टन यूरिया चाहिए, 800 टन डीएपी 18,46 चाहिए। हमने अभी तक 200 टन यूरिया और 100 टन डीएपी किसानों को बांट दिया है। इससे किसानों को कोई राहत नहीं मिली है क्षेत्र बड़ा होने के कारण किसानों की यूरिया और डीएपी की मांग ज़्यादा है।
तमाम सरकारी दावों के बावजूद भी किसानों को गेहूं और चना , मटर,सरसों जैसी महत्वपूर्ण फसलों की बुवाई के वक्त किसानों को डीएपी संकट का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के कई किसानों ने मार्केट से 1350 रुपये वाले 50 किलो डीएपी बैग को ब्लैक में खरीदने के लिए 1600 से लेकर 1800 रुपए तक चुकाए हैं,वही यूरिया के लिए 267 की जगह 320 रुपए तक दिए हैं। ताकि समय पर बोनी हो सके। अगर इन खादो का इस्तेमाल नहीं करेंगे तो फसलों के उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है।
इनका कहना हे –
खाद जिले से ही नहीं आ पा रहा है जिस कारण किसानों को उपलब्ध नहीं हो रहा है.एक-दो दिन में खाद आज आएगा तो वितरण करवाएंगे। किसान एनपीके खाद नहीं ले रहा है। किसानों को डीएपी, और यूरिया ही चाहिए।
देवेंद्र मीणा प्रबंधक दीवानगंज सोसायटी