मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
भोपाल विदिशा हाईवे 18 पर कई छोटे बड़े हरे भरे पेड़ लगे हुए हैं। इनको पेड़ो धीरे-धीरे कर काटा जा रहा है। बालमपुर घाटी से लेकर सलामतपुर त्रिमूर्ति चौराहे तक 1 साल में कई पेड़ काटे जा चुके हैं। कोरोना महा मारी की दूसरी लहर ने सभी को पेड़ों द्वारा मिलने वाले आक्सीजन के महत्व को बखूबी समझाया है कि आक्सीजन की कमी से किस तरह लोग अपनों की आंखों के सामने ही दम तोड़ रहे थे। ऐसे में आक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए सरकार द्वारा कड़ी मेहनत की गई।और हरियाली के महत्व को समझते हुए ग्राम पंचायत स्तर तक बड़ी संख्या में पौधारोपण किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर चंद पैसे के लालच में कई लोग भोपाल विदिशा हाईवे 18 पर खड़े पेड़ों पर जमकर आरी चलाई जा रही है। लोग कुदरती आक्सीजन देने वाले हरे भरे फलदार पेड़ों को काटने से बाज नही आ रहे है।
चौकी अंतर्गत पडऩे वाले कई गांव में हरे-भरे के पेड़ों पर मिलीभगत से कुल्हाड़ा चलाया जा रहा है । आक्सीजन देने वाले वृक्षों पर मिली भगत के चलते आए दिन आरी चलाते हुए हरे पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई की जा रही है। प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी मूकदर्शक बना हुआ है। दीवानगंज क्षेत्र में लगातार हरे भरे पेड़ काटे जा रहे है।वन विभाग व प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं जिससे लोगों के हौसले बुलंद है। शासन के निर्देश पर प्रशासन की ओर से पर्यावरण संरक्षण को पौधारोपण करा रहा है। समाजसेवी संस्थाएं भी लोगों को जागरूक कर रही हैं। इसके बावजूद भी ग्रामीण अंचलों के लोग नहीं मान रहे हैं। एक-एक कर लगातार हरे पेड़ों का कटान हो रहा है। 1 साल के अंदर भोपाल विदिशा हाईवे 18 के किनारे खड़े हुए हरे भरे कई पेड़ कम हो गए। करवाई अभी तक एक पर भी नहीं हई।