बैलागाड़ी में गणपति मोरया::बैलागाडी को सजाकर उसमे गणपति बप्पा की मूर्ति विराजित कर विसर्जन जुलूस निकला
सुरेंद्र जैन धरसीवा
डीजे पर प्रतिबंध कहें महंगाई की मार कहें या अपनी प्राचीन भारतीय धर्म संस्कृति की ओर वापसी कहें जो भी कहें लेकिन इस बार ग्रामीण अंचलों में भगवान गणेश जी का मूर्ति विसर्जन बड़े ही भक्ति भाव से कम से कम खर्च में प्राचीन संसाधनों के माध्यम से होते देखा जा रहा है.धरसीवा के सांकरा में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला बैलागाडी को सजाकर उसमे गणपति बप्पा की मूर्ति विराजित कर विसर्जन जुलूस निकला.डीजे पर पाबंदी होने से भजन मंडली स्वयं गाते हुए चल रही थी गढ़बा ढोल की मनमोहक धुन गूंज रही थी.डीजे पर पाबंदी से जहा एक और हृदय रोगियों को राहत मिली है तो वहीं ग्रामीण अंचलों में भजन मंडलियों गड़वा ढोल की धुन आदि प्राचीन कला का भी सम्मान बढ़ता दिख रहा है