मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
सांची विकासखंड के अंतर्गत आने वाले
सम्राट अशोक सागर बांध के कैचमेंट एरिया में इनफ्लो होने से डैम का लेवल 459.61/459.61 मीटर एवम जल भराव 100 % हो गया है। । अतः जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए बुधवार सुबह 11 बजे बांध के 2 गेट कुल 0.50 मीटर ऊंचाई में खोले गए। जिससे लगभग 92.74 क्यूमेक्स डिस्चार्ज पास होगा। और आवश्यकता पड़ने पर गेटों की हाईट और बड़ाई जा सकती है।
इससे पहले अशोक सम्राट हलाली डैम के पांच चैनल गेट खोले गए थे इसके 25 अगस्त,2 सितंबर खोले गए थे आज फिर दो चैनल गेट खोले गए हैं। 2 दिन पहले ही भोपाल क्षेत्र में जमकर बारिश हुई जिससे हलाली डैम का जलस्तर बढ़ने के कारण चोथी बार गेट खोले गए हैं।
बता दे की हलाली डैम 100% भर चुका है। लेवल बनाने के लिए लगातार पानी छोड़ा जा रहा है।
बता दें कि सम्राट हलाली डैम में किसानों की खरीफ की फसल हर साल डूब में आने से खराब होती आ रही थी। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता रहा था। इस समस्या को देखते हुए सरकार ने हलाली डेम के ओवरफ्लो वाले स्थान पर 5 चैनल गेट का निर्माण कार्य कार्य दो महीने पहले ही कराया गया था। निर्माण कार्य में लगभग 25 करोड़ रुपए की लागत आई है। इसके लिए 12 मीटर ऊंचाई वाले 5 पिलर का निर्माण कार्य कराया गया है।
सम्राट अशोक हलाली डैम का जल स्तर बढ़ने से इन 5 गेटों से 1750 क्यूसेक पानी छोड़ा जा सकेगा। इस निर्माण से 27 गांवों के किसानों की 1500 हेक्टेयर जमीन में बोई गई खरीफ की फसल को डूबने से बचाया जा सकेगा। इतना ही नहीं, फसल खराब होने के अलावा निनोद और कायम पुर गांव के रास्ते बारिश के समय में डूब में आ जाने के कारण गांव टापू बन जाया करते थे। अब इन गांवों के रास्ते भी डूब में नहीं आएंगे इससे बारिश के दिनों में यहां से आवागमन चालू रहने लगेगा।
पिलर के ऊपर छत डालकर एक 57.50 मीटर लंबाई बाला ब्रिज का निर्माण भी किया गया है। यह ब्रिज सिंचाई परियोजना के कर्मचारियों के उपयोग के लिए ही रहेगा। यहां से आम लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। विभागीय कर्मचारी इस ब्रिज का उपयोग गेट की मॉनिटरिंग से लेकर सभी आवश्यक कामों के लिए कर पाएंगे। अलग से राशि स्वीकृत कराकर आम लोगों के लिए डाउन स्ट्रीम में दूसरा ब्रिज बनाया गया है इस ब्रिज का उपयोग आम लोगों के आवाजाही के लिए हैं।
हलाली डैम का जल स्टार बनने पर 11:00 बजे दो चैनल गेट खोले गए हैं आवश्यकता पड़ने पर उनकी हाइट और बढ़ाई जा सकती है
रमेश चौहान कार्यपालन यंत्री