– आदिवासी बालिका की मौत के बाद झोलाछाप पर शिकंजा कसा
– मीडिया में किरकिरी के बाद अब जिला प्रशासन एक्टिव हुआ
– बालिका की मौत से पहले आदिवासी परिवार ने झोलाझाप से कराया था इलाज
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
शिवपुरी जिले के कोलारस अनुविभाग के ग्राम गुरजा की रहने वाली मनीषा आदिवासी की 11 माह की बेटी की मौत के बाद अब प्रशासन ने एक्टिव हुआ है। झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के बाद बालिका की हालत बिगड़ गई थी और उसके परिवारजनों उसे जिला अस्पताल लेकर के आए थे लेकिन जिला अस्पताल में भी सही इलाज नहीं मिला और मौत हो जाने के बाद मीडिया में किरकिरी के बाद बाद अब प्रशासन ने झोलाझाप डॉक्टर का क्लिीनिक सील कर दिया है। जिला अस्पताल में आदिवासी बालिका की मौत के बाद उसके शव को घर तक ले जाने के लिए एंबुलेंस भी नहीं मिल पाई थी। बाद में वह किसी तरह चंदा करके वह बालिका के शव को अपने गांव तक ले गए। इस मामले में मीडिया में किरकिरी के बाद अब जिला प्रशासन एक्टिव हुआ है और अब दिखावे के लिए आदिवासी बालिका की मौत के मामले में झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई की गई और डॉक्टर का क्लीनिक सील कर दिया गया है।
मामला सुर्खियां बना तो एक्टिव हुआ प्रशासन-
इस मामले में मंगलवार को कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के निर्देश पर कोलारस अनुविभाग के ग्राम टुडयावद में झोलाछाप डॉक्टरी करने वाले मनीष रघुवंशी के क्लिनिक पर एसडीएम के नेतृत्व में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामार कार्यवाही कर क्लिनिक को सील कर दिया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.पवन जैन ने एसडीएम के नेतृत्व में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त दल द्वारा की गई छापामार कार्यवाही की पुष्टि करते हुए कहा है कि प्रमुख खंड चिकित्सा अधिकारी कोलारस द्वारा जांच प्रतिवेदन सौंपा है। जिसके आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।
आदिवासी परिवार ने झोलाझाप से कराया था इलाज-
कोलारस विकासखंड के ग्राम गुरजा निवासी मनीषा आदिवासी की 11 माह की बेटी की उपचार के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। बच्ची को जिला अस्पताल लाने से पूर्व कोलारस एवं लुकवासा के दो झोलाछाप डॉक्टरों सहित कोलारस में एक प्राइवेट प्रैक्टिशनर से उपचार कराया था। बच्ची को समय पर उचित उपचार न मिल पाने की संभावना के चलते उसकी मृत्यु गई थी। इस घटना के बाद स्वास्थ्य महकमे तथा प्रशासन की संयुक्त टीम ने ग्राम टुडयावद में चिकित्सकीय उपचार करने वाली एक दुकान पर छापामार कार्यवाही की।
टीम के पहुंचने से पहले ही गायब हुआ झोलाछाप–
इस छापामारी के दौरान टीम के पहुंचने पर दुकान बंद मिली। दुकान के बाहर चिकित्सक के रूप में डॉ.मनीष रघुवंशी लिखा हुआ था। इसी के साथ एक मोबाइल नम्बर भी क्लिनिक की दीवार पर लिखा मिला जिस पर फोन लगाने पर किसी के द्वारा फोन रिसीव नहीं हुआ। जिसके उपरांत एसडीएम के नेतृत्व में छापेमारी की लिए पहुंची टीम ने उपस्थित ग्रामीणों के बयान लिए तथा झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक को सील करने की कार्यवाही की।