पत्रकारिता की आड़ में करोड़पति बने कुरैशी ब्रदर्स पर कसा शिंकजा.. जनसेवा अस्पताल में 8 सदस्यीय जांच दल ने किया निरीक्षण,मिली कई खामियां
रायसेन। जिला अस्पताल के नजदीक बने जनसेवा अस्पताल की जाँच के लिए बनाई गई आठ सदस्यीय टीम ने अस्पताल की सूक्ष्मता से बिदुबार जांच की। जांच दल को अस्पताल में कई खामियां मिली है।इसको लेकर जाँचदल ने कलेक्टर श्री अरविंद दुबे को जांच प्रतिवेदन सौप दिया है।
जांच दल में मुख्य रूप से अतिरिक्त कलेक्टर आदित्य रिछारिया,CMO & HO डॉ दिनेश खत्री,RMO जिला अस्पताल डॉ परमार,BMO ओबेदुल्लागंज डॉ अरविंद चौहान,डॉ सुजीता अतुलकर,डॉ अनिल ओढ़,,नायव तहसीलदार शिवांगी खरे शामिल थे।
सूत्रों के अनुसार जांच में पाया गया है कि जनसेवा अस्पताल ने कई और अनुमति नही ली है साथ ही यह अस्पताल 20 बिस्तर का है लेकिन इसके मान से सुविधाएं नही है।स्थान पर्याप्त नही है।ऑपरेशन थियेटर तय मानकों के अनुरूप नही है।ओपीडी भी चालू नही है।स्टाफ कम है।फायर सिस्टम नही है।असप्ताल तीन मंजिला है लेकिन लिफ्ट नही है।साफ सफाई भी नही है।इसके अलावा पैथोलॉजी लेव नही है।मुख्य सड़क से सटकर अस्पताल है।अस्पताल की पार्किंग नही है।
सूत्रों की माने तो अस्पताल का रजिस्ट्रेशन में भी गलत जानकारियां दी गई है।मेडिकल स्टोर किसी और के नाम है, चला अन क्वालिफाइड लोग रहे है।इसके अलावा जो पैरामेडिकल स्टाफ है उनके स्वास्थ्य का परीक्षण ही नही किया गया।ऐसे हालात में यदि स्टाफ को कोई बीमारी है तो उससे मरीज संक्रमित हो सकता है।
कभी भी चल सकता है बुलडोजर
उल्लेखनिय है कि कुछ दिन पहले राजस्व विभाग की टीम ने भी इस अस्पताल का निरीक्षण कर नापतोल की थी।जिसमे अस्पताल सड़क की और अतिक्रमण कर बनाया गया है साथ ही जिला अस्पताल की और नुजूल की जगह में भी अतिक्रमण कर अस्पाल की बिल्डिंग बनाई गई हैं।ऐसे में कभी भी राजस्व विभाग बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण तोड़ सकता है।
आयुष्मान योजना का भी हो सकता है खुलासा
सूत्रों के अनुसार अस्पताल के संचालक कुरेशी बंधुओ ने अपनी ऊपर पहुँच के दम पर अस्पताल को आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने की अनुमति प्राप्त कर ली है।अस्पताल खुले ज्यादा समय नही हुआ है लेकिन अल्प समय मे ही 150 से अधिक मरीजों का आयुष्मान योजना में इलाज किया गया और करीब 45 लाख रुपए सरकार से इलाज के नाम पर ले लिए।बताया जाता है कि प्रशासन इन मरीजों का भौतिक सत्यापन भी कराएगा जिन मरीजों ने आयुष्मान योजना में इस अस्पताल में इलाज कराया है।सूत्रों के अनुसार इंसमे भी भारी फर्जी बाड़ा किये जाने के सुबूत मिले है।
कम समय मे इतनी संपत्ति कुरेशी बंधुओ ने केसे अर्जित की इसकी भी जांच होगी
सूत्र बताते है कि अजहर कुरेशी रायसेन में जब आया था तब बार्ड no 7 में एक किराए के मकान में रहता था।ETV का पत्रकार होने के कारण अजहर कुरेशी ने प्रशासन में घुसपैठ कर सबसे पहले खाध विभाग से रायसेन की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर कब्जा जमा लिया।बताया जाता है कि सरकारी राशन में हेराफेरी कर इन लोगो ने खासी कमाई की।इसी दौरान 380 क्विंटल अनाज की हेराफेरी करने पर मामले में जांच शुरू हुई तो कुरेशी बंधुओ ने जिला खाध अधिकारी को ही लोकायुक्त से पकड़वा दिया।इसके बाद 380 क्विंटल खाध सामग्री की जांच ठंडे बस्ते में चली गई।जो आज भी पेंडिंग है।बताया जाता है कि रायसेन में दो सम्प्रदायो में पहले हुए तनाव में कुरेशी बंधुओ की मुख्य भूमिका रही।इसी को लेकर पुलिस ने अजहर कुरेशी को गिरफ्तार किया था।लेकिन अपने उच्च रसूख के चलते यह इस मामले में बच तो गए लेकिन ETV की पत्रकारिता से हाथ धोना पड़ा साथ ही मप्र सरकार ने अजहर कुरेशी की सरकारी अधिमान्य पत्रकार की अधिमान्यता निरस्त कर दी।अजहर कुरेशी का छोटा भाई जुबेर कुरेशी बाद में सहारा समय न्यूज चैनल का सम्बददाता बन गया और उसने रायसेन में कई कालोनियां ट्रंगल बिल्डर्स एड डेवलपर्स के नाम से खड़ी की।जिनमे विजली कंपनी के चोरी के खंभे,केबल तार लगाने पर मामले पुलिस में दर्ज किए गए है जिसमे यह फरार बताया जा रहा है।