साल का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा के दिन लग रहा है। 16 मई को यह प्रातः काल 07 बजकर 02 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। 16 मई 2022 को खग्रास चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए इसका कोई धार्मिक महत्व नहीं होगा। लेकिन वृश्चिक राशि में लगने के कारण यह विभिन्न राशियों पर प्रभाव डालेगा। इस ग्रहण से वृश्चिक राशि में कई परिवर्तन आएंगे। इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसलिए वैशाख पूर्णिमा के पूजा पाठ आदि किसी भी समय मुहूर्त अनुसार किए जा सकते हैं।
ग्रहण के समय चंद्रमा वृश्चिक राशि में होगा, इसलिए इस ग्रहण के कारण इस राशि के लोगों के जीवन में कई परिवर्तन महीनों तक प्रभावित करेंगे। ग्रहण का भेल ही सूतक काल न हो, लेकिन हमें ग्रहण से जुड़ दान पुण्य आदि कर लेना चाहिए। इस राशि के लोगों को नौकरी से लेकर व्यापार और निजी जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थियों के लिए समय बिल्कुल भी अनुकूल नहीं है।
इस वर्ष कुल चार ग्रहण लग रहे हैं, दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण।16 मई के बाद अब 25 अक्टूबर 2022 को स्वाति नक्षत्र और तुला राशि पर सूर्य ग्रहण शाम 4:23 बजे शुरू होगा। यह ग्रहण शाम 6:25 बजे समाप्त होगा। इस ग्रहण के देश के विभिन्न स्थानों में दिखाई देने से प्रभाव पड़ेगा। 8 नवंबर 2022 को खण्डग्रास चंद्र ग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि पर होगा। यह भी भारत में दिखाई देगा। दो ग्रहण दिखाई देंगे और दो ग्रहण नहीं दिखाई देंगे।